शिमला, 04 अप्रैल : हिमाचल की राजधानी शिमला के नगर निगम चुनाव का बिगुल बज गया है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक नगर निगम चुनाव के लिए मतदान दो मई को होगा, जबकि चुनाव नतीजे चार मई को घोषित होंगे। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले शिमला नगर निगम के चुनाव ही पहले बड़े चुनाव हैं। ऐसे में दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस हर हाल में जीत हासिल कर अपना दबदबा बनाने का भरसक प्रयास करेंगे।

शिमला नगर निगम में कांग्रेस 10 साल सत्ता से दूर है। भाजपा पिछले पांच सालों में नगर निगम पर काबिज रही है। जबकि 2012 से 2017 तक नगर निगम पर माकपा सत्तारुढ़ थी। खास बात यह है कि इस बार नगर निगम चुनाव पार्टी चिन्ह पर होंगे। ऐसे में चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर कर सत्तासीन हुई कांग्रेस के लिए राजधानी शिमला का यह नगर निगम चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू स्वयं शिमला नगर निगम में दो बार पार्षद रह चुके हैं। शिमला नगर निगम क्षेत्र से संबंध रखने वाले सुक्खू सरकार के दो मंत्रियों अनिरुद्ध सिंह व विक्रमादित्य सिंह और शहर के विधायक हरीश जनार्था की साख इस चुनाव में दांव पर होगी। विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण और अनिरुद्ध सिंह कुसुम्पटी के विधायक हैं, और इनके हल्कों के कुछ वार्ड नगर निगम में शामिल हैं।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राजधानी में हो रहे ये चुनाव कांग्रेस की दिशा और दशा को तय करेंगे। शिमला नगर निगम के 34 वार्डों में प्रदेश के अलग-अलग वर्ग के मतदाता हैं। उनके इस चुनाव में रहने वाले रुझान से ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की रहने वाली स्थिति का संकेत मिलेगा। इस लिहाज से कांग्रेस के लिए यह इम्तिहान है।
यह है चुनाव का कार्यक्रम
राज्य चुनाव आयुक्त अनिल कुमार खाची द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक शिमला में नामांकन की प्रक्रिया 13, 17 और 18 अप्रैल को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगी। नामांकन पत्रों की जांच 19 अप्रैल को होगी। उम्मीदवार 21 अप्रैल तक अपने नामांकन वापस ले सकते हैं। मतदान 02 मई को प्रातः 8 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। मतगणना 04 मई को सुबह 10 बजे निगम मुख्यालय में होगी।
नगर निगम के 34 में से 17 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित
नगर निगम चुनाव में 34 में से 17 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित रखे गए हैं। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी द्वारा जारी आरक्षण रोस्टर के मुताबिक 14 वार्ड महिलाओं, तीन वार्ड अनुसूचित जाति, तीन वार्ड अनुसूचित जाति महिला और 14 वार्ड अनारक्षित (ओपन) रखे गए हैं।
09 महीनों से प्रशासक चला रहा है नगर निगम
शिमला में नगर निगम के चुनाव विगत वर्ष मई-जून को होने थे, लेकिन वार्डों के पुनर्सीमांकन को लेकर मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के चलते समय पर चुनाव नहीं हो पाए थे। दरअसल भाजपा शासित शिमला नगर निगम के पांच साल के कार्यकाल की अवधि जून 2022 में पूरी हो चुकी है। तब से निगम का काम प्रशासक के हवाले था। प्रशासक की जिम्मेवारी उपायुक्त शिमला सम्भाल रहे थे।