शिमला, 03 अप्रैल: शिमला-कालका फोरलेन पर बन रही कंडाघाट टनल का मुद्दा सोमवार को विधानसभा में गूंजा। भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने नियम 62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि कंडाघाट टनल के एक मुहाने पर पानी के टैंक का सुरंग का कार्य लगभग पूरा होने पर पता चलने से स्पष्ट होता है कि इंजीनियर कमरों में बैठकर सड़कों की ड्राइंग बनाते हैं’। उन्होंने पूछा कि इस सुरंग की अलाइनमेंट बदलने पर कितना अतिरिक्त खर्च आएगा और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि टैंक हटाने में ज्यादा खर्च आएगा या फिर अलाइनमेंट बदलने में। इसके जवाब में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सदन में घोषणा की, कि इस टनल की अलाइनमेंट नहीं बदली जाएगी। उन्होंने कहा कि टनल के पोर्टल एक पर पानी का टैंक आ रहा है। इसके चलते एनएचएआई ने सुरंग की लंबाई 207 मीटर बढ़ाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि पहले इस टनल की लंबाई 460 मीटर थी, जो अब 667 मीटर होगी। उन्होंने कहा कि टनल की लंबाई बढ़ाने पर 50 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च आएगा और यह मामला एनएचएआई के मुख्यालय में विचाराधीन है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कंडाघाट सुरंग का 72 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है और शिमला-कालका सड़क को फोर लेन में परिवर्तित करने का कार्य दो जनवरी 2024 तक पूरा होना है। उन्होंने कहा कि इस पर तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कंडाघाट सुरंग का दौरा करेंगे और यदि कुछ गलत पाया गया तो इस मामले को फिर से एनएचएआई से उठाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कंडाघाट में बन रही सुरंग का लोक निर्माण विभाग अथवा प्रदेश सरकार का कोई सीधा संबंध नहीं है और यह कार्य एनएचएआई के अधीन हो रहा है।
विक्रमादित्य सिंह ने यह भी कहा कि लोक निर्माण विभाग ने पुलिस विभाग के साथ मिलकर प्रदेश में ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने का अभियान आरंभ किया है। उन्होंने कहा कि विभाग प्रदेश में बन रही फोरलेन सड़कों पर पैदल चलने के लिए फुटपाथ और ओवर ब्रिज के लिए स्थान चिन्हित करने का भी सर्वेक्षण कर रहा है ताकि ऐसी सड़कों पर पैदल चलने वालों के साथ हो रहे हादसों को रोका जा सके।