नाहन, 3 अप्रैल : “मतलबी है लोग यहां पर, मतलबी जमाना…सोचा साया साथ देगा, निकला वो बेगाना।” ये पंक्तियां डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज (Dr. YS Parmar Medical College) प्रशासन पर सटीक बैठती हैं। मतलब था तो वैश्विक महामारी में कोविड वॉरियर्स (Covid Warriors) को फूल देकर सम्मानित किया जा रहा था तो कहीं सार्वजनिक मंचों पर भी हौसला अफजाई हो रही थी।

मतलब निकल गया तो एक आदेश की चंद पंक्तियों में डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज ने सोमवार को इन वॉरियर्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया। 110 की संख्या में स्टाफ नर्सिंज, चालक, प्रयोगशाला तकनीशियन व वार्ड ब्वॉय इत्यादि शामिल हैं। हालांकि, शनिवार को समूचे प्रदेश से कोविड वॉरियर्स ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) से रोजगार न छीनने की गुहार लगाई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने भी उचित आश्वासन दिया था।
कोविड का वो दौर नहीं भुलाया जा सकता। चंद लोग ही थे, जो वास्तव में मानव सेवा कर रहे थे। जानकारों की मानें तो वैश्विक महामारी के दौरान भर्ती किए गए कर्मचारी मौजूदा में एक्सपर्ट भी हो चुके है। मेडिकल काॅलेज पहले ही कर्मियों की कमी से जूझ रहा है।
रोजगार छिनने के बाद एक कर्मचारी ने नम आंखों से वो मंजर याद किया, जब मां अपने बेटे को छूने से डरती थी। बेटा, अपने पिता की लाश का अंतिम संस्कार करने से कतराता था। ऐसे में भरी गर्मी में 12-12 घंटे पीपीई किट पहनकर ड्यूटी दी। मगर कॉलेज प्रशासन ने एक झटके में ही बेरोजगार कर दिया।
बड़ा सवाल ये है कि क्या ऐसे कर्मचारियों को सरकार रोजगार देने की व्यवस्था नहीं कर सकती, जिन्हें अनुभव भी हो गया है, साथ ही समाज को संकट से बचाने में अग्रणी सहयोग दिया। मेडिकल काॅलेज में स्टाफ की कमी को भी पूरा कर रहे थे। गौरतलब है कि वैश्विक महामारी के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले वाॅरियर्स को मीडिया ने भी जमकर प्रोत्साहित किया था।
शानदार कार्य करने वाले ये कर्मचारी आज भी उस समय की कतरनों को सहेज कर रखे हुए हैं। प्रश्न ये पैदा होता है कि क्या ‘सुख की सरकार’ इन कर्मचारियों के बारे में सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी या नहीं।
वैश्विक महामारी के दौरान एक महिला कर्मी ऐसी भी थी जो ड्यूटी से घर लौटने के बाद अपने मासूम बच्चों के पास नहीं जाती थी। अलग कमरे में रहकर रात गुजारती थी, सुबह फिर ड्यूटी पर निकल जाती थी।
कुल मिलाकर ये तय है कि समाज को ये आदेश कतई भी रास नहीं आ रहा। उधर कॉलेज प्रशासन ने मीडिया के सवाल पर कहा कि कोविड के दौरान भर्ती 110 कर्मचारियों की सेवाओं को जारी रखने के लिए सरकार से आदेश नहीं हैं।
उधर, उपायुक्त आरके गौतम ने कॉलेज प्रशासन से फीडबैक लेने के बाद कहा कि ये कर्मचारी आउटसोर्स पर रखे गए थे। उपायुक्त ने बताया कि समय अवधि समाप्त होने के बाद नोटिस जारी किया गया। उपायुक्त ने कहा किस मेडिकल कॉलेज प्रशासन से ये आश्वासन मिला है कि जल्द ही इन कर्मचारियों की सेवाएं बहाल कर दी जाएगी।