नाहन, 2 अप्रैल : हौसलों में दम होना चाहिए, जीवन की हर डगर पर मंजिल पाई जा सकती है। सैनधार के कोटला मोलर की दीपिका शर्मा के दिल में छेद था। महज, 10 साल की थी, जब हार्ट सर्जरी का सामना करना पड़ा। मौजूदा में भी सांस की दिक्कत होती है। आईजीएमसी शिमला में चैकअप के लिए भी जाना पड़ता है।

प्यारी सी दीपिका घर पर सबकी लाडली हैै। छोटी उम्र में हार्ट सर्जरी का सामना करने के बावजूद दीपिका ने जीवन में कुछ बनकर दिखाने की ठानी हुई है। इसका परिणाम, उस समय मिला जब 9वीं कक्षा का नतीजा हाल ही में घोषित हुआ। राजकीय उच्च विद्यालय कोटला मोलर में 9वीं कक्षा की परीक्षा में दीपिका ने 89.25 प्रतिशत अंक अर्जित किए। 14 साल की दीपिका ने हालांकि ये तो तय नहीं किया है कि वो जीवन में क्या बनेगी, लेकिन ये तय है कि उसे हर हाल में टॉपर ही रहना है।
पिता दयानंद शर्मा इलाके में पंडिताई का कार्य करते हैं, जबकि मां सरिता देवी गृहणी है। बेहद ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली दीपिका छोटी उम्र में ही बड़ी बातें करती है। वो जानती है कि भगवान ने अगर उसे दिल की बीमारी से सुरक्षित बचाया है तो जीवन में कुछ कर दिखाने के लिए ही ऐसा किया होगा।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए दीपिका ने कहा कि माता-पिता के साथ-साथ स्कूल के हरेक शिक्षक का प्यार मिलता है। हर कदम पर मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है। दीपिका कहती है कि वो नियमित तौर पर दो घंटे पढ़ाई करती है। एक सवाल के जवाब में दीपिका का ये भी कहना था कि जरूरत पर मां का घरेलू कार्य में भी हाथ बंटाती है। दीपिका ने कहा कि हार्ट सर्जरी की वजह से कई बार सांस लेने में दिक्कत आती है।