शिमला, 01 अप्रैल: ये खबर आपको अचंभित करने वाली है। क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 9 साल की उम्र में माता-पिता की लाडली बेटी आठवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण कर सकती है। वो भी साधारण अंकों में नहीं, बल्कि 91.06 प्रतिशत अंक हासिल कर। ये अदभुत कारनामा पालमपुर की रहने वाली 9 साल की ‘काशवी’ ने कर दिखाया है।

हिमाचल प्रदेश में सोशल मीडिया यूजर्स ने काशवी को पलकों पर बिठा रखा है। उम्र के लिहाज से काशवी को चौथी कक्षा की छात्रा होना चाहिए था, लेकिन नन्हीं उम्र में काशवी ने चार कदम आगे की छलांग लगाकर हर किसी को हैरान कर दिया है। पहाड़ी प्रदेश में काशवी की चर्चा ‘वंडर गर्ल’ (Wonder Girl) के तौर पर हो रही है।
16 अक्तूबर 2021 का दिन काशवी के जीवन में महत्वपूर्ण है। ये वो दिन था, जब साढ़े 7 साल की उम्र में काशवी का आई क्यू टैस्ट हुआ था। धर्मशाला के क्षेत्रीय अस्पताल में आई क्यू टैस्ट में काशवी को 154 अंक हासिल हुए थे। हर कोई काशवी का बौद्धिक विकास देखकर उस समय भी हैरान हुआ था।
शिक्षा विभाग द्वारा काशवी को सीधे आठवीं कक्षा में अपीयर होने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। इसके बाद माता-पिता ने उच्च न्यायालय में आठवीं कक्षा में बैठने के लिए याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय (High Court) के आदेश पर काशवी को आठवीं कक्षा में बैठने की अनुमति मिली थी। परीक्षा का नतीजा आया तो वही हुआ, जैसी उम्मीद थी। काशवी ने 91.06 प्रतिशत अंक हासिल कर ये साबित कर दिया कि वो सामान्य बच्ची नहीं है।
12 मार्च 2014 को जन्मी काशवी ने 31 मार्च 2023 को आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। तकनीकी तौर पर देखा जाए तो वो 9 साल की उम्र में नौंवी कक्षा की छात्रा बन गई हैं, यानि जब आठवीं कक्षा में दाखिला मिला था तो उम्र 8 साल की थी।
पालमपुर के रेनबो पब्लिक स्कूल की छात्रा काशवी ने तीक्ष्ण बुद्धि का अदभुत प्रदर्शन किया है। तीन साल की उम्र में ही वो भारत के तमाम राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की भौगोलिक स्थिति को लेकर जानकारी रख चुकी थी।
काशवी के पिता संतोष कुमार उच्चशिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, जबकि माता कमलेश कुमारी हिन्दी विषय में स्कूल प्रवक्ता हैं।