मंडी, 31 मार्च : शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मंडी इकाई द्वारा उपायुक्त कार्यालय मंडी के बाहर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि प्रदेश विश्वविद्यालय की नाकामियों के कारण पिछले वर्ष परीक्षा परिणाम में देरी हुई, जिसमें 80 से 90 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हो गए। इनमें से हजारों विद्यार्थियों ने रेवलुएशन भरी है, जिसका परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है।
अप्रैल माह से विद्यार्थियों के फाइनल एग्जाम शुरू होने वाले हैं, ऐसे में हजारों विद्यार्थियों को साल बर्बाद होने का डर सताने लगा है। इस अवसर पर जिला संयोजक निशांत गुलेरिया ने बताया कि 12वीं कक्षा में हजारों विद्यार्थियों ने 90 से 95 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। लेकिन अगले साल वही विद्यार्थी महाविद्यालय में आकर आखिर कैसे फेल हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी विद्यार्थी परिषद ने एक बड़ा आंदोलन परीक्षा परिणामों के विरोध में लड़ा था। जिसके परिणाम स्वरूप हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने छात्रों को यह आश्वासन दिया था कि एक माह के भीतर पुनर्मूल्यांकन का परिणाम घोषित किया जाएगा। लेकिन आज 5 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है पुनर्मूल्यांकन का रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि फाइनल परिक्षाओं को तब तक के लिए स्थगित किया जाना चाहिए जब तक पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। ताकि प्रदेश भर के हज़ारों युवा परीक्षाओं से वंचित न रह जाएं। विद्यार्थी परिषद ने 4 अप्रैल से शुरू होने जा रहे एग्जाम को पोस्टपोन करने व रेवलुएशन का परिणाम जल्द घोषित करने की मांग उठाई है।