ऊना, 29 मार्च : बीपीएल श्रेणी में बैठे अपात्र लोगों को नेम एंड शेम टैगलाइन के साथ शुरू किए जा रहे अभियान के तहत बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उपमंडल ऊना के एसडीएम ने इस अभियान को शुरू करने का फैसला लिया है जिसके तहत बीपीएल श्रेणी में केवल मात्र अपात्र लोगों को लाभ सुनिश्चित करने का अभियान चलाया जा रहा है।

गौरतलब है कि बीपीएल श्रेणी को लेकर जिला प्रशासन के पास लगातार शिकायतें आ रही थी, जिसमें अपात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा था। इसमें जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आई है। बहरहाल, अब बीपीएल श्रेणी में शामिल किए गए लोगों का आंकड़ा खंगाला जाएगा। साथ ही बीपीएल श्रेणी में शामिल किए जाने वाले तमाम मापदंडों को वह पूरा करते हैं या नहीं, इस चीज का भी आकलन करते हुए नए सिरे से इन सूचियों को तैयार करने का फैसला लिया गया है।
जानकारी देते हुए एसडीएम ऊना विश्वमोहन देव चौहान ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऐसी कई शिकायतें सामने आई है जिनमें बीपीएल श्रेणी से पात्र लोग बाहर रखे जा रहे हैं जबकि अपात्र लोगों को इस वर्ग की सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बीपीएल श्रेणी में शामिल होने के लिए मासिक आय 2500 रुपये से कम होना, सिंचित भूमि 1 हेक्टेयर से कम होना, गैर सिंचित भूमि 2 हेक्टेयर से कम होना, पक्का मकान नहीं होना और किसी भी प्रकार का वाहन नहीं होना तय किया गया है। इसके साथ ही सबसे बड़ा क्लाउज जो इसमें जोड़ा गया है उसमें बीपीएल श्रेणी में शामिल किए गए लोगों को 20 दिन तक मनरेगा के तहत काम करना अनिवार्य है। लेकिन अक्सर ऐसा देखने में आता है कि इन तमाम चीजों को दरकिनार करते हुए लोगों को बीपीएल श्रेणी का लाभ दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में इस चीज का आंकलन कर बीपीएल श्रेणी में सुधार किया जाएगा जिसके बाद शहरी क्षेत्रों में भी इन मापदंडों के अनुसार नेम एंड शेम टैगलाइन के तहत बीपीएल श्रेणी में सुधार अभियान छेड़ा जाएगा।
उन्होंने बीपीएल श्रेणी में शामिल किए गए अपात्र लोगों को हिदायत दी है कि वह अपने आप इस श्रेणी से बाहर हो जाएं अन्यथा प्रशासन कार्रवाई करते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएगा। वही ग्राम पंचायतों के नोटिस बोर्ड पर नेम एंड शेम टैगलाइन के तहत उनके नाम लिखे जाएंगे।