शिमला, 28 मार्च : पहाड़ी प्रदेश ‘हिमाचल’ में एचआरटीसी कंडक्टर (HRTC conductor) की बेटी शालिनी अग्निहोत्री (IPS Shalini Agnihotri) ने रिकाॅर्ड बनाया है। राज्य के सबसे बड़े जिला ‘कांगड़ा’ की पहली महिला पुलिस अधीक्षक बनने का गौरव हासिल हुआ है। 1876 में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान पहली बार पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति हुई थी। कांगड़ा में आजाद भारत के पहले पुलिस अधीक्षक बनने का गौरव मोहम्मद याकूब को मिला था। ये जानकारी एसपी कार्यालय के ‘ऑनर बोर्ड’ में दर्ज है।

आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री से पहले 94 ने बतौर एसपी सेवाएं प्रदान की। सौम्य स्वभाव के साथ-साथ कड़क कार्यशैली के तौर पर पहचान रखने वाली शालिनी अग्निहोत्री कांगड़ा जनपद की 95वीं पुलिस अधीक्षक (95th SP of Kangra) बनी हैं। कांगड़ा से पहले मंडी में भी पहली महिला पुलिस अधीक्षक बनी थी।
हालांकि, होनहार बेटी ने 2012 में उस समय परिवार का सीना फक्र से चौड़ा कर दिया था, जब यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में 285वां रैंक लेकर आईपीएस अधिकारी बन गई थी। लेकिन मंगलवार को बेटी ने महिला आईपीएस (Female IPS) अधिकारी के तौर पर पहाड़ी प्रदेश के सबसे बड़े जिला की कमान संभाल कर एक बार फिर परिवार को शानदार तरीके से गौरवान्वित किया है।
कांगड़ा से पहले कुल्लू व मंडी में भी बतौर एसपी सेवाएं दे चुकी हैं। कुल्लू से प्रथम आईआरबीएन (IRBn) में स्थानांतरण हुआ था। इसके बाद स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो (State Vigilance and Anti Corruption Bureau) में भी सेवाएं दी।
खास बात ये भी है कि वो करीब 11 साल के कैरियर में तीसरे जिला की एसपी बनी हैं। निष्पक्ष व निडर कार्यशैली की वजह से मौजूदा सरकार ने भी महिला अधिकारी पर भरोसा जताया है। मंगलवार को कांगड़ा जनपद में पुलिस अधीक्षक के पद पर नई पारी शुरू की है। ऊना जनपद के ठठुल गांव की रहने वाली आईपीएस शालिनी की उपलब्धियों की फेहरिस्त बेहद ही लंबी है। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान भी सर्वश्रेष्ठ कैडेट बनी थी।

ये है IPS बनने की वजह….
आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री पहले भी इस बात को शेयर कर चुकी हैं कि बचपन में मां के साथ बस में यात्रा कर रही थी। एक व्यक्ति ने बस की सीट के पीछे हाथ रखा हुआ था। इस कारण मां को असुविधा हो रही थी। नन्ही बेटी शालिनी ने उस व्यक्ति को हाथ हटाने को कहा था….इसके जवाब में व्यक्ति ने शालिनी को कहा कि कहीं की एसपी लगी हो। इसके बाद ही शालिनी ने ठान ली थी कि वो भी बड़ी अफसर बनेंगी।
गौरतलब है कि संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की परीक्षा की तैयारी के लिए शालिनी अग्निहोत्री ने कोई भी कोचिंग नहीं ली, क्योंकि वो बखूबी जानती थी कि परिवार आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। पहले ही प्रयास में परीक्षा को क्रैक किया था।
2015 में कांगड़ा का अनुभव…
2015 में आईपीएस की ट्रेनिंग करने के बाद शालिनी अग्निहोत्री को कांगड़ा जनपद में बतौर एएसपी कार्य करने का मौका मिला था। इस दौरान एक ऐसा अटपटा गैंगरेप का ममाला सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया था, जिसमें न तो पीड़िता थी और न ही पीड़िता का शव। ये फर्जी गैंगरेप इस कदर वायरल हुआ था कि पुलिस के सामने कई सवाल खड़े हो गए थे।
बतौर जांच अधिकारी शालिनी अग्निहोत्री ने इस केस को अंजाम तक पहुंचाया। साथ ही तय अवधि में ये साबित कर दिखाया था कि गैंगरेप सोशल मीडिया यूजर्स की एक अवधारणा है।
ये बोली….
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि ये बेहद ही गौरव के पल हैं कि वो हिमाचल के सबसे बड़े जिला की पहली महिला पुलिस अधीक्षक बनी हैं। एसपी ने कहा कि जन आकांक्षाओं की कसौटी पर पूरा उतरने की कोशिश करेंगी। उन्होंने कहा कि आम जनता का सहयोग हर कदम पर चाहिए होगा।