शिमला, 28 मार्च : हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार जलशक्ति विभाग में प्रस्तावित पांच हजार भर्तियों को आउटसोर्स पर नहीं करेगी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को विधानसभा में जलशक्ति विभाग को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्तावों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही।
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एक नीति के तहत विभाग में पांच हजार पदों की भर्ती करेगी, ताकि भविष्य में ये लोग सरकारी कर्मचारी बन सकें। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग में ये भर्तियां पूर्व सरकार द्वारा घोषित 8370 भर्तियों के अलावा होगी, क्योंकि इन भर्तियों को सरकार ने अभी रद्द नहीं किया हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार क्लीनवेज कंपनी को भर्तियां करने का कोई ठेका नहीं देगी।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जल शक्ति विभाग में आधा दर्जन बंद किए गए कार्यालयों को खोल दिया है। शेष कार्यालयों को बंद करने के निर्णय की पुनःसमीक्षा कर इस संबंध में एक कार्य योजना मंत्रिमंडल में ले जाई जाएगी। सभी जरूरी कार्यालयों को फिर से खोलने का प्रयास होगा। बाद में सदन ने विपक्ष द्वारा अपने कटौती प्रस्तावों को वापस नहीं लिए जाने पर उन्हें ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने 1439 पेयजल योजनाएं प्रगति पर हैं। उन्हें तेजी से पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि पीने के पानी की कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में स्रोत पर पानी की कमी है और विभाग इस पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि चंबा जिला के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल डलहौजी में प्रदेश सरकार जल्द चौबीसों घंटे पेयजल सुविधा प्रदान करने जा रही है। इस सुविधा वाला डलहौजी प्रदेश का पहला शहर होगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नलके लगाने का कार्य अब बहुत हो गया, अब सरकार सिंचाई पर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग में विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया बदली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग में न कोई टेंडर प्रक्रिया बंद की है और ही कोई भुगतान रोका गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने विभाग में चुनावी वर्ष में जो इरीगेशन विंग बनाया है, उसे मौजूदा सरकार ने मई माह तक जारी रखने को मंजूरी दी है।