नाहन, 28 मार्च : कहते हैं, दृढ़ संकल्प होना चाहिए। मंजिल सातवें आसमान पर ही क्यों न हो, इसे पाया जा सकता है। ये शब्द, पांवटा साहिब (Paonta Sahib) की कृतिका सैनी ने सार्थक कर दिखाए हैं। यकीन मानिए, कृतिका ने जमा दो की शिक्षा ग्रहण करने के बाद महाविद्यालय में उच्च शिक्षा नियमित छात्र के तौर पर ग्रहण नहीं की। साथ ही हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) द्वारा काॅलेज कैडर की परीक्षा के लिए कोचिंग भी नहीं ली।

सफलता इस कारण भी असाधारण है, क्योंकि परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ वो नन्हीं बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी तो उठा ही रही थी, साथ ही प्राथमिक पाठशाला मानपुर देवड़ा में जेबीटी टीचर भी हैं। आयोग ने सोमवार शाम काॅलेज कैडर में अंग्रेजी विषय के सहायक प्रोफैसर (assistant professor) के 40 पदों का परिणाम जारी किया था। इसके बाद से ही सफल उम्मीदवारों को सोशल मीडिया (social media) में जमकर बधाईयां मिल रही हैं।
दिलचस्प ये है कि कृतिका ने जेबीटी (JBT) के पद से सीधे ही काॅलेज कैडर के सहायक प्रोफैसर (Assistant Professor of College Cadre) के पद पर लंबी छलांग लगाई है। ये केवल दृ़ढ़ संकल्प व कठिन परिश्रम की बदौलत ही संभव हुआ होगा। जेबीटी पद को ही नियमित रखती तो प्रारंभिक शिक्षा विभाग में खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के पद तक ही पहुंच पाती।

दूसरा विकल्प चुनकर टीजीटी के बाद स्कूल प्रवक्ता (PGT) ही बन पाती। लेकिन सीधे ही वो कॉलेज कैडर की सहायक प्रवक्ता के पद तक असाधारण तरीके से पहुंची हैं।
एक साल की थी बेटी….
2014 में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में जेबीटी के पद से करियर शुरू करने वाली कृतिका सैनी ने जब कॉलेज कैडर के सहायक प्रोफैसर पद की तैयारी शुरू की थी तो नन्ही बेटी की उम्र महज एक साल थी। 2008 में गुरु नानक मिशन स्कूल से जमा दो की शिक्षा हासिल करने के बाद कृतिका सैनी का चयन डाईट नाहन में जेबीटी के कोर्स के लिए हो गया था। कोर्स पूरा करने के बाद वो जेबीटी का पद हासिल करने में भी सफल हुई।
क्यों नहीं गई काॅलेज….
उच्चशिक्षा हासिल करने के लिए कृतिका सैनी ने कभी भी किसी महाविद्यालय में नियमित दाखिला नहीं लिया। 2014 में जेबीटी बनने के बाद पत्राचार से ही पढ़ाई शुरू कर दी। पत्राचार से ही ग्रैजुएशन (graduation) की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद अंग्रेजी विषय में 2018 में स्नातकोत्तर की डिग्री ली। इसके उपरांत कृतिका ने पूरी एकाग्रता नेट को क्वालीफाई करने पर केंद्रित कर दी। 2021 में नेट भी क्वालीफाई कर लिया।
दिलचस्प ये है कि कृतिका ने जेबीटी की नौकरी को जारी रखने के दौरान ही पत्राचार के माध्यम से उच्च शिक्षा हासिल की। 2017 में तारूवाला की रहने वाली कृतिका नवादा के नवीन सैनी से परिणय सूत्र में बंधी।
बता दें कि प्राथमिक शिक्षक के तौर पर भी कृतिका की उपलब्धियां खासी हैं। मानपुर देवड़ा स्कूल में बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ योगासन के लिए भी प्रेरित करती हैं।
ये बोली….
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कृतिका सैनी ने कहा कि जाॅब के साथ-साथ नन्ही बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी भी थी। कोविड काल के दौरान प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं के साथ-साथ पत्राचार के माध्यम से उच्च शिक्षा हासिल करने का सुनहरी मौका नहीं खोया। पति सहित ससुराल के सदस्यों ने हर कदम पर मदद की।
एक सवाल के जवाब में कृतिका ने माना कि नौकरी, पत्राचार से पढ़ाई, पारिवारिक जिम्मेदारी व बेटी की परवरिश के साथ-साथ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कठिन थी, लेकिन एक तय नीति के तहत सबकुछ आसान भी लगा।
एक अहम जानकारी में कृतिका ने ये भी कहा कि न तो वो कभी काॅलेज गई न ही कोचिंग ली। यू-टयूब पर उपलब्ध निशुल्क कोर्स ज्वाइन करना ही मूलमंत्र बना।