बिलासपुर, 27 मार्च: भारत की सबसे युवा जिला परिषद अध्यक्ष मुस्कान ने पद से इस्तीफा दे दिया है। चेयरपर्सन के साथ उपाध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने भी पद छोड़ा है। दरअसल, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। इसके बाद पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिष्ठित पदों पर कांग्रेस कब्जा करना चाहती है। इसी को लेकर राजनीतिक उठापटक भी शुरू हो चुकी है।

14 सदस्यों की बिलासपुर जिला परिषद में करीब पौने तीन साल पहले मुस्कान ने चेयरपर्सन का पद संभाला था। उस समय वो महज 20 साल की थी। हालांकि, मुस्कान ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन भाजपा ने मुस्कान को अध्यक्ष पद की ऑफर इस कारण दी थी, क्योंकि जिला परिषद के सदन में बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करना था। लाॅ की पढ़ाई कर चुकी मुस्कान मौजूदा में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलएम की पढ़ाई कर रही है।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सोमवार को बैठक रखी गई थी। इससे पहले ही जिला परिषद की अध्यक्षा व उपाध्यक्ष ने उपायुक्त को इस्तीफे सौंप दिए। सम्मानजनक तरीके से पदों को छोड़कर किनारा कर लिया। उपायुक्त के स्तर पर इस्तीफों को पंचायतीराज विभाग के निदेशक को भेज दिया गया है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से फोन पर बातचीत में जिला परिषद की निवर्तमान अध्यक्षा मुस्कान ने कहा कि स्टडी पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद उठापटक स्वाभाविक सी बात होती है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिला परिषद के अध्यक्ष पर पर करीब पौने तीन साल का कार्यकाल संतोषजनक रहा।
इस दौरान ग्रामीण विकास को लेकर हर संभव प्रयास किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्देश के मुताबिक वो अगला कदम उठाएंगी। गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद पद छोड़ने पड़ते, ऐसे में मुस्कान ने सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा देकर मास्टर स्ट्रोक भी खेला है।
बता दें कि मुस्कान के पिता एक समाजसेवी हैं। बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखती थी, लेकिन मुस्कान के जिला परिषद अध्यक्ष बनने के बाद पिता ने बीपीएल कैटेगरी को सरेंडर कर दिया था।