नाहन, 26 मार्च : हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने महाविद्यालयों में शुमार “राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन” के परिसर में रविवार को ओल्ड स्टूडेंट्स (Old Students) का एक अनोखा मिलन हुआ। पूर्व छात्र एसोसिएशन (Old Students Association) द्वारा आयोजित की गई आम सभा (General House) में 1962 से 2022 तक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र मौजूद रहे।

हिमाचल प्रदेश के नामी शिक्षाविद व समाजसेवी प्रोफेसर अमर सिंह चौहान (Prof Amar Singh Chauhan) ने जब इस बात का खुलासा किया कि वह 1962 में इस कॉलेज के छात्र थे। साथ ही इसी महाविद्यालय में बतौर प्रधानाचार्य 2022 में सेवानिवृत्त हुए तो कॉन्फ्रेंस हाल (Conference Hall) में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।
जनरल हाउस की मेजबानी कर रही महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. वीना राठौर ने भी इस बात का जिक्र किया कि वह भी कॉलेज की छात्र रही तो इस दौरान हाल ही में मौजूद महाविद्यालय (College) स्टाफ के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर रही थी। शहर के मशहूर छायाकार पर समाजसेवी सुनील गौड़ उर्फ छुन्नु भाई ने कड़ी मेहनत से 80 के दशक के बाद की स्मृतियों से जुड़ी तस्वीरों का संग्रह प्रस्तुत किया। हाल में मौजूद हर एक व्यक्ति स्क्रीन (Screen) पर टकटकी नजरों से प्रस्तुति को देख रहा था।
गौरतलब है कि छायाकार सुनील गौड़ इस महाविद्यालय में संगीत संकाय के पहले पुरुष छात्र रहे हैं। उनका कहना था कि छात्राओं के बीच अकेले असहजता होती थी, लेकिन पढ़ाई भी रुचि के मुताबिक करनी थी। चंद रोज पहले ही महाविद्यालय की ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन (OSA) ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। चंद रोज में ही 500 के करीब पूर्व छात्र ग्रुप से जुड़ चुके हैं। रविवार को इस समूह में वो छात्र अफसोस भी जाहिर कर रहे थे जो आम सभा का हिस्सा नहीं बन पा रहे थे। 1962 में खुले महाविद्यालय के ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन की बागडोर मौजूदा में शिक्षाविद प्रोफेसर अमर सिंह चौहान संभाल रहे हैं।
कॉलेज के प्रधानाचार्य रह चुके दिनेश भारद्वाज का कहना था कि वह पल बेहद ही यादगार है, जब इसी कॉलेज में प्रधानाचार्य बनकर आए थे। महाविद्यलय में पढ़ाई का समय याद है। शहर के नामी चिकित्सक डॉक्टर पंत ने कहा कि 60 के दशक में पीयूसी हुआ करती थी। इसके बाद वह मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए चले गए थे। उस समय आईजीएमसी भी नहीं था। साठ के दशक में कॉलेज के स्टूडेंट रहे सूरज वालिया ने कहा कि मौजूदा में भी महाविद्यालय से जुड़ी स्मृतियां जेहन में ताजा है। वालिया ने भी महाविद्यालय के उत्थान के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। शहर के नामी कारोबारी व नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र सैनी ने महाविद्यालय के स्टूडेंट्स से सफल कारोबारी तक अपने सफर को सांझा किया। वन अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त मोहम्मद नसीम दीदान ने कॉलेज की यादों को सांझा किया।
जनरल हाउस में महाविद्यालय में 80 के दशक में SCA अध्यक्ष रहे संजय गोयल के अलावा पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र ठाकुर व ओपी ठाकुर ने भी विचार रखे। 1995 में विज्ञान संकाय से पास आउट व सिरमौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष शैलेंद्र कालरा ने कहा कि साइंस ब्लॉक के समीप स्थित प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई के दौरान केमिस्ट्री लेब हुआ करती थी यही से साइंस ब्लॉक में दाखिला लेने की जिज्ञासा पैदा हुई थी।
महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. वीणा राठौर ने कहा कि हर एक क्षेत्र में महाविद्यालय (College) के छात्रों ने डंका बजाया है। उन्होंने कहा कि मई के तीसरे सप्ताह में जीवन में मुकाम हासिल करने वाले छात्रों को सम्मानित करने का भी एक कार्यक्रम प्रस्तावित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैच वाइज (Batch Wise) शुरुआत भी की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व छात्र संघ के जनरल हाउस में ऐसे छात्र मौजूद थे, जो मौजूदा में इसी कॉलेज में सहायक प्रोफेसर बनकर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कॉलेज के प्रधानाचार्य रहने के दौरान दिनेश भारद्वाज द्वारा पूर्व छात्रों का एक ऑनर बोर्ड (Honour Board) भी बनाया गया था। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा कि जैसे-जैसे जानकारी मिलती जाएगी, बोर्ड को भी अपडेट किया जाता रहेगा। सभा की तस्वीरों को समीर जैन छात्रों के व्हाटसअप में शेयर कर रहे थे। इसके अलावा सभा में मौजूदा असंख्य पूर्व छात्रों में भी विचार सांझा किये।