सुंदरनगर, 25 मार्च : हिमाचल प्रदेश में सीपीएस नियुक्त करने के मामले को लेकर सरकार अपना पक्ष रखने के लिए उच्च न्यायालय में पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश सरकार को पहले ही विपक्ष द्वारा सीपीएस नियुक्ति को चुनौती देने के बारे में पता था। इसलिए सरकार ने इस मामले को लेकर पहले ही अपना होमवर्क कर लिया है। यह बात शनिवार को एआईसीसी के संयुक्त सचिव एवं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार आईटी गोकुल बुटेल ने अपने मंडी दौरे के दौरान सुंदरनगर में आयोजित एक प्रेसवार्ता में दी।
गोकुल बुटेल ने प्रदेश सरकार द्वारा एक बार फिर लोन लेने पर कहा कि प्रदेश में हर सरकार लोन लेती आई है। लेकिन पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश सरकार की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए सोर्स जनरेशन और सोर्स मोबिलाइजेशन को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता राज्य का रेवन्यू और आमदनी बढ़ाना है।
प्रदेश में शराब के ठेकों की बैकडोर चैनल के माध्यम से होने वाले कार्यों पर लगाम कसते हुए ठेकों की नीलामी से राज्य को कई करोड़ रुपयों का राजस्व बढ़ा है। इसके साथ प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा, एयरपोर्ट विस्तारीकरण और नेशनल हाईवों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इससे अधिक से अधिक पर्यटकों के आने से प्रदेश की आर्थिकी में एक बड़ा सुधार आएगा।
एआईसीसी के संयुक्त सचिव गोकुल बुटेल ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त करने पर कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार तानाशाह सरकार है। राहुल गांधी द्वारा बार-बार भाजपा सरकार से अदानी को फायदा पहुंचाने के बारे में पूछे जाने पर उनका मुंह बंद करने के लिए उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त की गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से संसद में राहुल गांधी की आवाज को दबाने का प्रयास केंद्र सरकार द्वारा लगातार किया जा रहा है। गोकुल बुटेल ने कहा कि इस सारे घटनाक्रम का भारतीय जनता पार्टी के लिए घातक साबित होगा। लोकतंत्र में किसी की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है और अब लोग कांग्रेस की आवाज बनकर भाजपा को जबाब देगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लंबे संघर्ष के बाद संगठन से निकले हुए नेता है और उनके द्वारा कांग्रेस सरकार में संगठन और कांग्रेस पार्टी से संबंधित लोगों को पद दिया जाना तर्कसंगत है।