मंडी, 24 मार्च : शुक्रवार को एनटीटी का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी से मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित कर प्राइमरी स्कूलों में एनटीटी की भर्ती करने की मांग उठाई है। भारतीय जनता मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री वीर सिंह भारद्वाज की अध्यक्षता में यह प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिला।
प्रतिनिधिमंडल की माने तो हिमाचल प्रदेश के 60 प्रतिशत प्राइमरी स्कूलों में प्री प्राइमरी की कक्षा आरंभ हो चुकी है। इन स्कूलों में हजारों विद्यार्थियों के दाखिले के बाद भी सरकार द्वारा ट्रेंड अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। वहीं सरकार द्वारा नर्सरी ट्रेंड टीचरों की भर्ती न करने पर बच्चों की पढ़ाई में प्रभाव पड़ रहा है।
मीडिया से रूबरू होते हुए भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री वीर सिंह भारद्वाज ने कहा कि एनटीटी भर्ती में प्रदेश सरकार ने आयु सीमा की शर्त लगाई है उसे हटाया जाए। वहीं 1 वर्ष के डिप्लोमा धारकों को भी भर्ती में मान्यता देने की भी उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने एनटीटी की भर्तियां करने के लिए कैबिनेट में मंजूरी दी थी। लेकिन आचार संहिता के चलते भर्तियां नहीं हो पाई।
वहीं अब प्रदेश की सुक्खू सरकार एनटीटी भर्तियां करने में आनाकानी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का कहना है कि एनटीटी के पदों को भरने के लिए कुछ कमियां रह गई है। उन्होंने कहा कि यदि कमी है तो 20 साल पहले यह कमी विभाग और सरकार ने क्यों नजर नहीं आई। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार द्वारा डिप्लोमा धारकों व आयु सीमा की शर्त को हटाए बिना एनटीटी की नियुक्ति नहीं की जाती है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 15 हजार के लगभग प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापिकाएं हैं। पूर्व में सरकार ने साल 1996-97 में नर्सरी अध्यापिका को प्राथमिक स्कूलों में लगाया था। इसके बाद प्रदेश में कहीं भी नर्सरी अध्यापिकाओं की नियुक्ति नहीं हुई है। पूर्व की जयराम सरकार द्वारा भी एनटीटी नियुक्ति के लिए कैबिनेट में मंजूरी दी थी, लेकिन आचार संहिता के चलते एनटीटी की भर्तियां नहीं हो पाई थी।