शिमला, 24 मार्च : बर्फबारी के बीच बिजली बोर्ड व जलशक्ति विभाग (Jal Shakti Department) के कर्मचारियों की कर्त्तव्यनिष्ठा से जुड़े वीडियो जमकर वायरल होते हैं। यहां तक की सूबे के मुख्यमंत्री (CM Himachal) भी ऐसे वीडियो शेयर करते रहे हैं। लेकिन यहां हम आपको एक ऐसे जांबाज बिजली बोर्ड (HP Electricity Board) कर्मी की दास्तां बताने जा रहे हैं, जो डयूटी करते-करते न केवल काल का ग्रास बन गया, बल्कि करंट से लगी आग में झुलस कर राख के ढ़ेर में तब्दील हो गया। विडंबना देखिए, ऐसे निष्ठावान कर्मी की चर्चा तक राज्य में नहीं है।

विद्युत मंडल आनी सुन्नी में फील्ड में तकनीकी कर्मचारियों की कमी है। महेंद्र लाल को बिजली से जुड़ी एक शिकायत मिली थी। इसे निपटाने वाले अकेले ही घर से निकल गए। देर रात तक वो घर नहीं लौटे। लिहाजा, परिजनों ने सहायक लाइनमैन (assistant lineman) महेंद्रपाल की तलाश शुरू कर दी। बुधवार को हर किसी के उस समय रोंगटे खड़े हो गए, जब हाई वोल्टेज करंट की तार से उलझा महेंद्र सिंह का शव राख के ढ़ेर में तब्दील हो चुका था।
अब अपने मोबाइल पर सबसे पहले पाएं हिमाचल की ताजा खबरें, यहां क्लिक कर ज्वाइन करें हमारा WhatsApp Group
मौके की भयंकर तस्वीरें पाठकों से शेयर नहीं की जा सकती। हैरान कर देने वाली बात देखिए, ऐसे निष्ठावान कर्मी के परिवार को मुआवजा देने की बात तो दूर, बोर्ड के अधिकारियों के मुंह से अफसोस के दो शब्द नहीं निकले हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड (Himachal Pradesh State Electricity Board) तकनीकी कर्मचारी संघ (technical staff union Electricity Board) ने घटना का कड़ा संज्ञान लिया है। राज्य अध्यक्ष लक्ष्मण काप्टा, महामंत्री नेक राम ठाकुर, राज्य उप महासचिव पवन परमार, शिमला इकाई अध्यक्ष अशोक शर्मा, सुन्नी इकाई अध्यक्ष नरेंद्र कंवर व सचिव युगल किशोर ने संयुक्त बयान में कहा कि घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण व अफसोसजनक है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की घटती संख्या के कारण हादसों में इजाफा हो रहा है।
संघ की मांग को लगातार अनसुना किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संघ की बोर्ड प्रबंधन से हुई वार्ता में इस विषय को रखा गया था कि विद्युत लाइन की शिकायत पर अकेले कर्मचारी को भेजने के लिए बाध्य न किया जाए। उन्होंने हादसे की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिन तकनीकी कर्मचारियों को कार्यालय में बिठाया गया है, उन्हें फील्ड में भेजा जाए।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण काप्टा ने कहा कि मृतक कर्मी के परिवार को तुरंत ही मुआवजा दिया जाए। एक महीने के भीतर आश्रित को नौकरी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को शाम 5 बजे के बाद विशेष परिस्थितियों को छोड़कर शिकायत निवारण हेतु बाध्य न किया जाए। काप्टा ने कहा कि संघ द्वारा नियमित सहायक लाइनमैन की दर्दनाक मौत का कड़ा संज्ञान लिया गया है। बोर्ड प्रबंधन की नींद टूटनी चाहिए।
पुलिस की थ्योरी….
सुन्नी पुलिस की जांच थ्योरी में ये बात तो साफ हुई है कि दिवंगत बिजली कर्मी अकेला ही ड्यूटी कर रहा था। इस दौरान मौसम भी खराब था। पांव फिसलने से हाई वोल्टेज बिजली की तार की चपेट में आ गया। शव पूरी तरह से जल गया। थाना प्रभारी पूजा ने बताया कि सीआरपीसी 174 के तहत कार्रवाई की गई है।
घटना में लापरवाही की बात सामने नहीं आई है। परिवार ने भी शक जाहिर नहीं किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि 21 मार्च की रात सूचना मिलते ही जांच शुरू कर दी गई थी।