हमीरपुर, 23 मार्च : हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में भंग कर्मचारी चयन आयोग के दफ्तर पर लगा ताला वीरवार को खुल गया है। उल्लेखनीय है कि करीब 10 दिन से पेपर लीक मामले में विजिलेंस को जांच से जुड़ा रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहा था। सरकार के आदेश के बाद ताले खोले गए हैं। विजिलेंस द्वारा रिकॉर्ड को हासिल करने के लिए आयोग के ओएसडी सहित कर्मचारियों को तलब किया जा सकता है।

गुरुवार को कमरा नंबर 208 में संबंधित रिकॉर्ड की जांच की गई। बायकायदा वीडियोग्राफी भी ओएसडी व हमीरपुर के तहसीलदार की मौजूदगी में की गई, ताकि कोई सवाल खड़ा न किया जा सके। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि रिकॉर्ड तुरंत ही विजिलेंस को भेज दिया गया है। इसके बाद भंग आयोग के कार्यालय पर फिर तालाबंदी कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि काफी लंबे समय से विजिलेंस को संबंधित रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहा था। गुरुवार सुबह ही आयोग के ओएसडी के सामने रिकॉर्ड तैयार किया गया। जानकारी यह है कि हमीरपुर के तहसीलदार को बतौर मजिस्ट्रेट रिकॉर्ड तैयार करने के समय मौजूद रहना ही पड़ेगा। इसके आदेश भी सरकार की तरफ से हो गए हैं।
सरकार की नहीं गाइडलाइन…
एमबीएम न्यूज ने पूर्व कर्मचारी चयन आयोग के ओएसडी अनुपम कुमार से जब 60 से ज्यादा कर्मचारियों की सैलरी और देनदारियों का मामले के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि आयोग भंग हो चुका है। कर्मचारियों से जुड़े मामलों पर सरकार ही निर्णय लेगी फ़िलहाल इस बारे में दिशानिर्देश नहीं आये है। कर्मचारियों को सैलरी कब तक मिलेंगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड के सिलसिले में कर्मचारियों को बुलाया जा सकता है।