केलांग 23 मार्च : जिला लाहौल स्पीति में सामरिक महत्व का शिंकुला दर्रा मार्ग सीमा सड़क संगठन के योजक परियोजना ने आज हल्के वाहनों के लिए खोल दिया है। जनवरी माह में भारी हिमपात होने के कारण यह मार्ग बंद हो गया था, लेकिन आज योजक परियोजना द्वारा इस बार एक बार पुनः हल्के वाहन फोर बाई फोर के लिए खोल दिया गया है।

सीमा सड़क संगठन योजक परियोजना के निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने हरी झंडी दिखाकर जन्सकर की ओर से आए वाहनों को 16,580 फुट ऊंचे दर्रे के टॉप से मनाली चंडीगढ़ की ओर रवाना किया।
गौरतलब है कि सामरिक दृष्टि के चलते योजक परियोजना ने इस नीमू पदम दारचा एनपीडी 300 किलोमीटर सड़क मार्ग को ऑल वेदर रोड बनाने के लिए कवायद तेज कर दी है और इस मार्ग को 23 जनवरी तक बहाल रखा था, लेकिन शिंकुला दर्रा पर भारी हिमपात के चलते 2 महीने के अंतराल में रिकॉर्ड समय में विषम परिस्थितियों में शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में अथक प्रयासों से आज पुनः एक बार बहाल किया है।
परियोजना निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने कहा कि शिंकुला दर्रा में 4 किलोमीटर के करीब लंबी सुरंग का निर्माण कार्य भी योजक परियोजना जल्द आरंभ करने जा रही है। इस सुरंग के निर्माण कार्य पर 1650 करोड़ के करीब निर्माण लागत का अनुमान है।

उपायुक्त जिला लाहौल स्पीति सुमित खिमटा ने बताया कि इस मार्ग की संवेदनशीलता और वर्तमान में मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एसडीएम पदुम, एसडीएम लाहौल, बीआरओ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद इस मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विभाग ने दोनों पक्षों ने निर्णय लिया है कि इस मार्ग पर अभी केवल स्थानीय फोर बाई फोर हल्के वाहनों को ही यात्रा करने की अनुमति होगी।
उन्होंने यह भी बताया कि सुबह 09 बजे से दोपहर 03 बजे तक ही आवाजाही की अनुमति होगी। आगामी आदेश तक दारचा से आगे पर्यटकों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। किसी भी पर्यटक वाहन को दारचा से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। जिसके लिए पुलिस विभाग को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कर्नल विकास गुलिया ने इस अवसर पर मार्ग की बहाली में जुटे अधिकारियों व श्रमिकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर ऑफिसर कमांडिंग योजक परियोजना126 आरसीसी अरविंद कुमार, ऑफिसर इंचार्ज अरविंद त्रिपाठी, सिद्धांत देशमुख, एसडीएम जंस्कार सोनम दोरजे सरपंच सोनम नोरबू सहित अन्य योजक परियोजना के अधिकारीगण भी मौजूद रहे।