शिमला 22 मार्च : कहते हैं, कड़ी मेहनत रंग लाती ही है। इसी का नतीजा है कि चंबा की नयाग्रां होली तहसील के रहने वाले डॉक्टर राजकुमार ने कड़ी मेहनत की बदौलत इन शब्दों को चरितार्थ किया है। सरकारी स्कूल से पढ़ाई के बाद राष्ट्रीय स्तर के संस्थान (National Level) में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सफर तय किया है। परिवार लंबे अरसे से बैजनाथ उपमंडल में सैटल हैं। गद्दी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लडके ने शिक्षा के क्षेत्र में असाधारणउपलब्धि हासिल की है।

मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले डॉक्टर राजकुमार बचपन से ही मेधावी रहे। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU Shimla) से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। एक विषय में यूजीसी की परीक्षा उत्तीर्ण करने में ही उम्मीदवारों के पसीने छूट जाते हैं, लेकिन डॉ राजकुमार ने चार अलग-अलग विषय में अपना मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद ये परीक्षा उत्तीर्ण की है। डाॅ. कुमार ने 2011 में शिक्षा विषय में नेट जेआरएफ (JRF) क्वालीफाई किया। इसके बाद राजनीति शास्त्र, इतिहास व समाजशास्त्र (sociology) विषयों में भी नेट परीक्षा (NET Exam) उत्तीर्ण की है।
खास बात ये है शिक्षा विषय में यूजीसी जेआरएफ (UGC JRF) की परीक्षा को भी उत्तीर्ण किया है। कई संस्थानों में सहायक आचार्य के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में लद्दाख विश्वविद्यालय (University of Ladakh) में सहायक आचार्य के रूप में सेवाएं दे रहे है। पिता बजीर चंद पपरोला में एक छोटी सी चिकन की दुकान चलाते हैं तथा माता लीला देवी एक गृहिणी है। राष्ट्रीय स्तर की संस्था में पद मिलने के बाद क्षेत्र में काफी खुशी का माहौल है।

ये बोले….
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से फोन पर बातचीत में 37 वर्षीय शिक्षाविद डाॅ. राजकुमार ने कहा कि बैजनाथ से स्नातक की पढ़ाई की है। उन्होंने कहा कि पिता के अथक प्रयास से वो जीवन में एक मुकाम हासिल करने में सफल हुए हैं। तकरीबन एक साल से लद्दाख विश्वविद्यालय (Ladakh University) में बीएड के छात्रों को पढ़ा रहे हैं। लद्दाख में रहकर ही चौथे विषय में नेट परीक्षा उत्तीर्ण की है।
उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी (NCERT) के देश में 5 क्षेत्रीय केंद्र हैं। फिलहाल, ये स्पष्ट नहीं है कि कौन से केंद्र में नियुक्ति मिलेगी। गौरतलब है कि डॉ. कुमार की बड़ी बेटी पांचवी कक्षा में अध्ययनरत है, जबकि छोटा बेटा तीन साल का है। बड़े भाई ने भारतीय सेना में सेवाएं प्रदान करने के बाद हाल ही में पपरोला स्कूल में लेक्चरर के पद पर सेवाएं शुरू की हैं।