हमीरपुर, 21 मार्च : हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग भंग होने के बाद कर्मचारी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। उन्होंने मंगलवार दोपहर कार्यालय के बाहर बैठक कर सुक्खू सरकार से पूछा कि उन्हें सैलरी व अन्य ड्यूज आखिर क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। वे किसे रिपोर्ट करें, कहां जाएं। क्या दफ्तर के बाहर रोजाना धूप व बारिश में खड़े होकर उनकी यह बेवजह की ड्यूटी कब तक जारी रहेगी।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि फरवरी माह का वेतन मिला नहीं है। मार्च भी अब खत्म हो रहा है। रिटायरमेंट के बाद लोगों को न पेंशन का लाभ मिल रहा है और न ही अन्य ड्यूज दिए जा रहे है। कर्मचारियों का कहना है कि वे बारिश हो चाहे धूप हो, रोजाना दफ्तर के बाहर इकट्ठा होते है। लेकिन किसे रिपोर्ट करना है, किसके अंडर में काम कर रहे हैं उस बारे में कोई भी आदेश नहीं आ रहे है। जिनकी प्रमोशन होनी है, वे भी असमंजस में हैं।
कर्मचारी इस बात से भी नाराज है कि ओएसडी फोन नहीं उठाते। उनसे मिलने जाना था, लेकिन वे बिजी बताए जा रहे हैं। पर्सनल विभाग से बात होती है तो वहां से यही जवाब मिलता है कि चिट्ठी लिखी गई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए, ताकि असमंजस वाली स्थिति सामान्य हो पाए। जिन कर्मचारियों की वजह से आयोग की साख को बट्टा लगा है, उन्हें सजा दी जाए। इसमें देरी न हो, ताकि ईमानदारी से काम करने वाले कर्मचारियों का हौसला बना रहे।