बिलासपुर,19 मार्च : बिलासपुर का नलवाड़ी मेला कुश्ती व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेला में जो भी लोग पहुंचते हैं वह बिलासपुर के हिमाचली स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लुत्फ उठाते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन भी नलवाड़ी मेले की शान है।

कुल्लू से विजय लक्ष्मी ने बताया कि वह पिछले लगातार 10-11 सालों से बिलासपुर के नलवाड़ी मेले में आती है। उसके द्वारा बनाए जा रहे गरमा गर्म सिडू एक हेल्दी फूड है, जिसमें पूरी तरह से अखरोट सोयाबीन और अन्य मसाले डाले जाते हैं। इसके अलावा मंडी से आए सोनू ने बताया कि उसकी मोमोज का स्टाल हर वर्ष नलवाड़ी मेला में लगता है। विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट मोमोज यहां पर बनाए जाते हैं। जिला के स्थानीय दुकानदार नलवाड़ी मेला में बिलासपुर की मशहूर पकौड़ा, जलेबी का स्टाल लगाते है, जिसका लोगों में काफी क्रेज हैं।
राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेले में लोक संस्कृति के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। मेले में तीन दिवसीय कहलूर लोक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही दो दिवसीय थियेटर नाटकों का मंच भी किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ एसडीएम बिलासपुर अभिषेक गर्ग ने किया।
वहीं, कहलूर लोकोत्सव में जिला के 31 महिला मंडलों द्वारा अलग-अलग लोक गीतों पर अपनी प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। इसके साथ ही भाषा एवं संस्कृति विभाग के हॉल में मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित बड़े भाई साहब नाटक का भी मंचन किया गया। लोक कलाकारों का कहना है कि वह हर साल नलवाड़ी मेले के दौरान कहलूर लोकोत्सव में भाग लेती हैं। लोकनृत्यों व गीतों के जरिये अपनी संस्कृति से लोगों को रूबरू करवाती हैं।
डीपीआरओ संजय सूद ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी आमतौर पर हर घर की कहानी है। व्यवहारिक व सामाजिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को खेलकूद गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए ताकि उनका मानसिक व शारीरिक विकास हो सके। भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने कहा कि दोनों ही थियेटर कलाकारों द्वारा नाटक की शानदार प्रस्तुति दी गई है, जिससे प्रभावित होकर उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने उन्हें 10 हजार रुपए की ईनाम राशि प्रदान की है।