नाहन, 17 मार्च : हिमाचल प्रदेश (himachal Pradesh) के गिरिपार क्षेत्र के एक दुर्गम इलाके के नौजवान ‘नीरज’ ने लीक से हटकर सपना देखा है, वो ‘क्वांटम भौतिकी’ में दुनिया के लिए एक नई थ्यौरी खोजना चाहता है। दसवीं की पढ़ाई शिलाई में हिन्दी माध्यम से करने के बाद नाॅन मेडिकल की पढ़ाई करने नाहन आया तो एक बार मनोबल भी टूटा, क्योंकि इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई कठिन लगी थी।
शिलाई उपमंडल की बेला पंचायत के पारली फोराड गांव में बीपीएल परिवार से ताल्लुक रखने वाले ‘नीरज’ ने हार नहीं मानी। वीरवार देर शाम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (Indian Institute of Technology Kanpur) का भौतिक विज्ञान की ‘गेट परीक्षा’ (gate exam) का परिणाम घोषित हुआ, इसमें नीरज को राष्ट्रीय स्तर पर 731 वां रैंक हासिल हुआ है। खास बात ये है कि नीरज इस परिणाम से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि वो अपना रैंक 100 से नीचे लाना चाहता है। लिहाजा, गेट की परीक्षा में दोबारा अपीयर होगा।

हालांकि, दसवीं के बाद से नीरज को छात्रवृत्ति (Scholarship) मिलनी शुरू हुई, लेकिन इससे बमुश्किल किताबों का ही खर्च निकल पाता था। ऐसे में गरीब पिता बलबीर सिंह ने दिन-रात मेहनत व मजदूरी कर बेटे की जरूरतों को पूरा किया। आदर्श विद्या निकेतन (AVN) नाहन में जमा दो तक की पढ़ाई की। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Board of School Education) द्वारा परीक्षा की मैरिट सूची में नीरज को नाॅन मेडिकल (non medical) संकाय में दसवां स्थान हासिल हुआ।
इसके बाद प्रतिमाह 5 हजार रुपए का स्काॅलरशिप मिल रहा है। संजौली महाविद्यालय में बीएससी (BSC) की पढ़ाई करने के बाद नीरज ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में फिजिक्स की एमएससी (MSC) के लिए दाखिला लिया। अंतिम समेस्टर शेष है, लेकिन पीएचडी (PhD) में दाखिला पक्का कर लिया है।
5 दिसंबर 2000 को जन्में नीरज की भौतिक विज्ञान में पढ़ाई के दौरान असाधारण उपलब्धियां हैं। शिलाई से शिमला तक सफर तय करने के बाद अब नीरज देश के नामी संस्थान में पीएचडी की पढ़ाई का रुख करेगा।
खास बातचीत…
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखने वाले मेधावी लाल नीरज से फोन पर लंबी बात की। फोन का रिस्पांस पहले इस कारण नहीं आया, क्योंकि वो लाइब्रेरी में बैठकर अपने लक्ष्य को भेदने में व्यस्त था। संपर्क होने के बाद बेहद शालीनता व भावुक होकर नीरज ने कहा कि वो अपने रैंक से संतुष्ट नहीं है। अगली परीक्षा की तैयारी में आज से ही जुट गया है। पिता के बारे में पूछे गए सवाल पर नीरज ने एक बार फिर भावुकता भरे लहजे में कहा कि पिता जी ने लंबा संघर्ष किया है।
एक अहम प्रश्न के जवाब में नीरज ने माना कि आंतरिक्ष विज्ञान के अलावा फिजिक्स के पाठन में कैरियर को लेकर विकल्प हैं। साथ ही ये भी बताया कि देश के लिए भी काफी कुछ करने का स्कोप है, लेकिन वो क्वांटम भौतिकी में एक नई थ्यौरी खोजना चाहते हैं। नीरज का ये भी कहना था कि फिलहाल वो पढ़ाई पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, क्योंकि बुनियादी मौलिक पढ़ाई जरूरी है।
उन्होंने बताया कि माता उर्मिला देवी का भी सहयोग हर पल मिलता है। उन्होंने बताया कि जब वो शिलाई से नाहन आया था, उस समय बुआ जेबीटी की पढ़ाई कर रही थी। बुआ के प्रोत्साहन पर अंग्रेजी माध्यम की पहली चुनौती का सामना किया। उन्होंने कहा कि आदर्श विद्या निकेतन स्कूल के शिक्षकों से खासा प्रोत्साहन मिला है।
उधर, आदर्श विद्या निकेतन स्कूल के प्रधानाचार्य केके चंदोला ने नीरज को गेट परीक्षा की सफलता पर बधाई दी है।