शिमला, 15 मार्च : संस्थानों को बंद करने पर हुई चर्चा के बाद सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने विधानसभा के दूसरे सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के जवाब से संतुष्ट नहीं था। नियम 67 के तहत संस्थानों को बंद करने को लेकर स्थगन प्रस्ताव के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष ने तथ्यों के साथ सदन में अपनी बात नहीं रखी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 4145 स्कूल एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं। 455 स्कूल में एक भी अध्यापक नहीं है। 12 हजार अध्यापक पद खाली चल रहे हैं। 25 कॉलेज खोलने का प्रस्ताव दिया, केवल 2 कॉलेज खोलने की वित्त विभाग ने मंजूरी दी है। बिना वित्त विभाग की मंजूरी से पूर्व भाजपा सरकार ने संस्थान खोले। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां जरूरत होगी, वहां संस्थान खोले जाएंगे। बजट का प्रावधान करके संस्थान खोले जाएंगे, और विपक्ष सभी संस्थानों की बहाली का आश्वासन चाहता था।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश में गलत परंपरा शुरु कर रही है। अगर सभी संस्थानों को सरकार बहाल नहीं करती है, तो आने वाले समय में जब भाजपा की सरकार बनेगी तो सुक्खू सरकार के 5 साल के कार्यों का रिव्यू किया जाएगा। पूर्व की भाजपा सरकार ने बजट प्रावधान करके संस्थानों को जन भावनाओं के आधार पर खोला था, उन्हें बंद करना सही नहीं है। हिमाचल प्रदेश के लोगों में संस्थानों को बंद करने को लेकर खासा रोष है। भाजपा इस पर कानूनी राय भी लेगी।