मंडी, 12 मार्च : हिमाचल प्रदेश की “सुक्खू सरकार” ने पशुपालकों से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदने का वादा किया है। जनपद का एक युवक बीते चार वर्षों से 5 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीद कर उत्पाद बनाने का कार्य कर रहा है। 35 वर्षीय कर्ण सिंह, कोटली उपमंडल के तहत चलोह गांव का निवासी है।

2019 में कर्ण सिंह रोहतक में गोबर से उत्पाद बनाने वाली एक कंपनी के साथ जुड़ा था,इसके बाद इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने की ठान ली। मौजूदा में कर्ण सिंह गोबर की मूर्तियां, नेम प्लेट, लोगो (Logo), दीपक, राखी, समरानी कप और धूप सहित 25 प्रोडक्ट बना रहा है। कर्ण सिंह ने उत्तरकाशी स्थित श्री बंशी गौधाम से गोबर के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण हासिल किया हुआ है। कर्ण सिंह ने बताया कि गोबर के उत्पाद में 80 प्रतिशत गोबर और 20 प्रतिशत प्राकृतिक गोंद व गौमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा किसी भी प्रकार के केमिकल और अन्य हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल नहीं होता। यदि प्रोडक्ट टूट भी जाए तो उसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
कर्ण सिंह ने “कामधेनु पंचगव्य” उद्योग के नाम से प्रोजेक्ट को हिमाचल स्टार्टअप में पंजीकृत करवा दिया है। यह प्रदेश का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसमें तमाम उत्पाद गोबर से बनाने की बात कही गई है। कर्ण सिंह ने हाल ही में शिवरात्रि महोत्सव के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को गोबर से बनाई उनकी नेम प्लेट भी भेंट की थी। कर्ण सिंह का कहना है कि यदि सरकार सहयोग करे तो प्रदेश में गौवंश के संरक्षण को लेकर एक नई क्रांति लाई जा सकेगी, क्योंकि गोबर से बनने वाले उत्पादों को लोग काफी ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
कर्ण सिंह सिर्फ खुद ही यह कारोबार नहीं कर रहे बल्कि उन्होंने स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी रोजगार दे रखा है। यह महिलाएं कर्ण सिंह का इन उत्पादों को बनाने में सहयोग करती हैं, जिसके बदले में उन्हें आजीविका भी प्राप्त हो रही है। कर्ण सिंह ने अभी तक मंडी जनपद में ही अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया और बेचा है, लेकिन अब उन्हें दूसरे राज्यों से ही इन उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने का न्योता मिलने लगा है। 15 मार्च को कर्ण सिंह द्वारा गोबर से बनाए यह उत्पाद हैदराबाद में प्रदर्शित किए जाएंगे। कर्ण सिंह इस बात को लेकर खासे उत्साहित हैं।