शिमला, 11 मार्च : हिमाचल प्रदेश में ‘सुक्खू सरकार’ वित्तीय वर्ष 2023-24 में टोल टैक्स (Toll Tax) की वसूली से 132 करोड़ 52 लाख की कमाई करेगी। 2022-23 की तुलना में तकरीबन 23-24 करोड़ की आमदनी बढ़ी है। बीती देर शाम एक्साइज विभाग (Excise Department) ने टोल टैक्स बैरियरों (Toll Tax Barriers) की नीलामी प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। इसके बाद स्पष्ट स्थिति सामने आ गई।

दिलचस्प बात ये है कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग (Himachal Pradesh State Tax and Excise Department) ने इतनी वृद्धि हासिल कर ली है कि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा बाकी खर्चे भी पूरे हो जाएंगे। हालांकि, स्पष्ट नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि विभाग के खर्च का बजट 23 करोड़ से नीचे ही है।
गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों की टोल टैक्स की दरों में इजाफा भी करने का निर्णय लिया है। 2022-23 में विभाग को शिमला, सोलन, बीबीएन, ऊना, नूरपुर, चंबा, बिलासपुर व सिरमौर में टोल इकाईयों से 109 करोड़़ 25 लाख का राजस्व मिला था। जबकि मौजूदा सरकार इसे 23 करोड़ बढ़ाने में सफल रही है। इसकी वजह, दरों में इजाफा भी मानी जा रही है।
हिमाचल के मुख्य प्रवेश द्वार परवाणु यूनिट ने रिकाॅर्ड तोड़ वृद्धि दर्ज की। राजस्व में 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। 2022-23 में 14 करोड़ एक लाख की तुलना में ये यूनिट सीधे ही 20 करोड़ पर पहुंच गई। बीबीएन (BBN) यूनिट ने 30 प्रतिशत बढ़ोतरी हासिल की। 26 करोड़ 41 लाख की तुलना में इस बार ये टोल यूनिट 34 करोड़ 44 लाख रुपए में बिकी है। ऊना यूनिट वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 25 करोड़ में नीलाम हुई। 11 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई।
उधर, नूरपुर व चंबा यूनिट में भी शानदार 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। ये इकाईयां, 9 करोड़़ 79 लाख की तुलना में इस बार 12 करोड़ 76 लाख में बिकी। चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर बिलासपुर के स्वारघाट बैरियर पर 10 प्रतिशत का इजाफा दर्ज हुआ है। 14 करोड़ 74 लाख की तुलना में ये बैरियर 16 करोड़ 21 लाख में नीलाम हुआ। विभाग ने 16 करोड़ 20 लाख रुपए आरक्षित मूल्य रखा था।

उधर, सिरमौर के बैरियर 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ नीलाम हुए हैं। 2022-23 में 21 करोड़ 30 लाख की कमाई हुई थी। इस बार ये कमाई बढ़कर 23 करोड़ 57 लाख होगी। शिमला का कुड्डू बैरियर 40 लाख की तुलना में 54 लाख में नीलाम हुआ है। यहां विभाग को अप्रत्याशित 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिली है।
2022-23 की कमाई के आधार पर विभाग ने 2023-24 में 120 करोड़ 18 लाख का लक्ष्य रखा था, लेकिन आरक्षित मूल्य से बढ़कर कमाई हुई है। ओवरऑल समूचे हिमाचल की बात की जाए तो 2022-23 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग 21 प्रतिशत का इजाफा करने में सफल हुआ है।
दीगर है कि विभाग ने इस बार आबकारी नीति में भी बदलाव किया है। शराब के ठेकों की इकाईयों का रिन्यूअल करने की बजाय इनकी नीलामी की जा रही है। ऐसी स्थिति में राजस्व बढ़ने की उम्मीद जगी है। जीएसटी संग्रह में भी विभाग ने हाल ही में आमदनी को लेकर उछाल दर्ज किया था।
हिमाचल प्रदेश राज्य कर व आबकारी विभाग के आयुक्त (Commissioner of Himachal Pradesh State Tax and Excise Department) युनस ने बताया कि 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।