लाहौल स्पीति/ तन्जिन : हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी आदि की गहराईयों को नापने के बाद भारतीय नौसेना के सैलर्स (नाविक) अब हिमालय पर्वत श्रृंखला की हिमाचल प्रदेश स्थित लाहौल घाटी की उचाईयों को नापने के लिए तैयार हैं। 12 मार्च को अटल टनल के निकट सिस्सू में आयोजित होने वाली दूसरी स्नो मैराथन के लिए कमांडर विवेक आनंद की अगुवाई में 24 नाविकों का दल पहुंचा।

यह सेलर्स नई दिल्ली के अलावा विशाखापट्टनम, मुम्बई, कोच्चि, अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर, कारवाड़ से मैराथन में भाग लेने के लिये सिस्सू पहुंचें। कमांडर आनंद ने बताया कि सभी प्रतिभागी आयोजन में भाग लेने के लिए उत्साहित हैं। कुल 24 प्रतिभागियों में से 10 फुल मैराथन (42 किलोमीटर) में भाग लेंगे जबकि अन्य मैराथन (21 किलोमीटर) में भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी सेलर्स सी ड्राइविंग के अलावा विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों से निपटने के लिए बेहतर रुप से ट्रेंड किए जाते हैं। समय समय पर देश के कोने कोने में आयोजित होने वाली साहसिक गतिविधियों का हिस्सा बनते हैं।
उन्होंनें कहा कि गत वर्ष ही इनमें से कुछ सेलर्स मैकलोडगंज और चंबा के बीच लगभग 14 हजार फीट पर स्थित इंद्राहार पास तक ट्रेक कर लौटे हैं, जबकि इनमें से कुछ के लिए हिमाचल एक नया अनुभव है। उन्होंनें दृढ़ संकल्प के साथ कहा कि चुनौतियों और विषम परिस्थितयों से निपटना ही भारतीय सेना का दूसरा नाम है। आयोजक गौरव शिमर ने बताया कि सेलर्स तीन दिन पहले ही यहां एल्कमाईजैशन के लिए आये हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इंडियन डिफेंस सर्विसिस के अन्य जवानों के भाग लेने की उम्मीद है।
स्नो मैराथन में भाग लेने के लिए देश के कोने कोने से प्रतिभागी जुट रहे हैं। उनकी हौसला अफजाई के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू विशेष रूप से शिरकत करेंगें।
उधर, सहायक आयुक्त लाहौल स्पीति डॉ रोहित शर्मा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि 12 मार्च तक चंद्रा नदी के बाएं किनारे की ओर सस्पेंशन ब्रिज, सिस्सू नर्सरी से पर्यटकों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। ताकि स्नो मैराथन की उचित तैयारी की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि मैराथन मार्ग बर्फ से ढका होने के कारण आयोजन के सुचारू संचालन के लिए तैयारी की जानी है। लिहाजा, यह मार्ग स्नो मैराथन के हेतु प्रतिबंधित रहेगा।