संगड़ाह, 7 मार्च : राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह में शिक्षा ग्रहण कर चुके दो युवाओं विनोद व विपिन सिंह का का असिस्टेंट प्रोफैसर (Assistant Professor) बनने का सपना साकार हुआ है। जबकि महाविद्यालय में पीटीए (PTA) पर सेवाएं दे रही रश्मि भी परीक्षा पास कर असिस्टेंट प्रोफैसर बन गई है।

तीन युवाओं के असिस्टेंट प्रोफैसर बनने से उपमंडल में खुशी की लहर है। तीनों को लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से बधाईयां मिल रही हैं। यहां रोचक बात ये भी है कि एक ही मुकाम पर पहुंचने वाले तीनों शिक्षक व छात्र हैं। बता दें कि विपिन व विनोद टीचर रश्मि ठाकुर के स्टुडेंट रहे हैं। संगड़ाह कॉलेज में शिक्षण के दौरान रश्मि ने दोनों को पढ़ाया है।
बीते कल यानि सोमवार को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (Himachal Pradesh Public Service Commission) द्वारा सहायक प्रोफैसर के 17 पदों के परिणाम घोषित किए गए थे। इनमें से संगड़ाह कॉलेज में पढ़े विपिन व विनोद का चयन संगीत (वाद्ययंत्र) विषय के सहायक प्रोफैसर के तौर पर हुआ है। इसके अलावा 2014 से महाविद्यालय में बतौर पीटीए सहायक प्रोफैसर सेवाएं दे रही रश्मि ठाकुर ने भी परीक्षा उत्तीर्ण की है।’
असीस्टेंट प्रोफैसर बने विनोद कुमार ने जमा दो तक की पढ़ाई लुधियाना गांव के सरकारी स्कूल से की है। बेटे को उच्चशिक्षा हासिल करवाने के लिए गरीब पिता ने मेहनत मजदूरी की। माता-पिता दोनों बेटे की कामयाबी देखने के लिए इस दुनिया में नहीं हैं। माता का देहांत 2019 में तो पिता का 2020 में हो गया था। आर्थिक तंगी के बावजूद विनोद ने हिम्मत नहीं हारी। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से पीएचडी (Ph.D) की शिक्षा हासिल कर रहे विनोद ने 2017 में जेआरएफ (JRF) की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली थी। जिसके बूते उसे आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए फैलोशिप मिलती रही।
2021 में विनोद को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) में बतौर टीजीटी नौकरी मिल गई थी। लेकिन लक्ष्य कुछ और था, लिहाजा विनोद ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और मेहनत के बूते कॉलेज कैडर के असीस्टेंट प्रोफैसर के पद पर चयनित हुए।
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वहीं, संगड़ाह उपमंडल के भलाड़ के रहने वाले विपिन भी किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। 2017 में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही उनके पिता नेत्र सिंह का देहांत हो गया था। जैसे-तैसे ग्रैजुएशन कर हिमाचल विश्वविद्यालय से संगीत विषय में एमए की डिग्री हासिल की। 2020 में नेट (NET) की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली। यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के दौरान खर्च निकालने के लिए रेस्टोरेंट में नौकरी की। आखिरकार मेहनत रंग लाई और बीते कल जब सहायक प्रोफैसर के 17 पदों का नतीजा घोषित हुआ तो विपिन भी उस लिस्ट का हिस्सा थे।
उधर रश्मि ठाकुर का संबंध भी संगड़ाह महाविद्यालय से है। 2014 से रश्मि महाविद्यालय में पीटीए पर सहायक प्रोफैसर सेवाएं दे रही है। उन्होंने भी असीस्टेंट प्रोफैसर की परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रथम श्रेणी के गजटिड ऑफिसर(Class-I Gazetted Officer) बनने का रुतबा हासिल कर लिया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2006 से वजूद में आए राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह ने कई मेधावी दिए हैं। इससे पहले महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर चुके मोनिका, अंबरा, ममता, दिनेश, पूनम व अनिल का भी अलग-अलग विषयों में असिस्टेंट प्रोफैसर के पदों पर चयन हुआ है।