पांवटा साहिब / अंजू शर्मा : उपमंडल के गुरासा गांव की महिलाओं ने होली की तैयारियां शुरू कर दी हैं। हर बार की तरह इस बार भी महिलाओं ने “मां काली स्वयं सहायता समूह” की महिलाओं ने होली के प्राकृतिक रंग तैयार किए हैं। रंगों को बिक्री के लिए मार्केट में उतारा गया हैं, जिसके लिए महिलाएं खासी उत्साहित दिखाई दे रही हैं।

महिलाओं द्वारा प्राकृतिक रंगों का मूल्य बाजार के मूल्य से कम रखा गया हैं, ताकि उपभोक्ता प्रकृति होली खेल सके। महिलाओं का कहना है कि दुकानदार व्यवसाय चलाने के लिए केमिकल युक्त रंगों की बिक्री करते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक होते हैं।
महिलाओं ने ऑर्गेनिक हल्दी, आटा, गुलाब जल, पालक व कई तरह के फूलों का मिश्रण बना इन रंगों को तैयार किया हैं। जो त्वचा के लिए हानिकारक नहीं होता। होली के त्यौहार पर अक्सर लोग सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं, जो हमारी सेहत के लिए भी हानिकारक होते हैं।

अपनी गृहस्थी में व्यस्त महिलाएं समय निकाल कर रंगों को तैयार कर रही है, ताकि होली के त्यौहार को केमिकल के रंगों की बजाय प्राकृतिक रंगों से मनाया जाए। महिलाओं की इस पहल से अन्य गांव की महिलाएं भी ऐसा करने की प्रेरित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि अगले साल होली से पूर्व महिलाओं को इन रंगों की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी प्रयास किया जाएगा, ताकि महिलाओं की आर्थिकी ओर अधिक सुदृढ़ हो सके। तैयार किए गए प्राकृतिक रंग सभी उपमंडल स्तर पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। अगर आप भी प्राकृतिक रंगों के साथ होली मनाना चाहते है तो इस नंबर 7018601250, 7807069930 पर सम्पर्क कर सकते है।
महिलाओं ने लोगों से आग्रह किया है कि होली का त्यौहार बिना पानी व प्राकृतिक पदार्थों से बने रंगों का प्रयोग करके ही मनाएं। महिलाओं ने लोगों को होली की बधाई दी है। गांव की महिला कांता देवी, लीला देवी, बाला देवी, सुनीता देवी, नीमा देवी, दीक्षा देवी, श्यामा देवी इत्यादि इसकी सदस्य व इस खोज की सूत्रधार हैं। आने वाले समय में इस तरह के ऑर्गेनिक रंगों का उत्पादन करेगी।