शिमला, 05 मार्च : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बिना बच्चों के 286 स्कूलों को बंद किया गया है। जबकि आने वाले समय में कम बच्चों वाले स्कूलों को भी बंद करने की तैयारी की जा रही है। जिसे लेकर सरकार ने मापदंड (Criteria) तय कर लिया है।

हिमाचल प्रदेश में कुल 18 हजार से ज्यादा स्कूल है, इसमें से 15 हजार से ज्यादा स्कूल सरकारी हैं। सुक्खू सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार (BJP government) पर चुनावों से पहले संस्थानों को खोलने के आरोप लगाए है, जिनमें ज्यादातर प्राइमरी व मिडल स्कूल हैं। शिक्षा मंत्री ने शिमला में प्रेस वार्ता कर स्कूलों को बंद करने की जानकारी सांझा की।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि पिछली जयराम ठाकुर (Jairam Thakur ) सरकार ने चुनाव से छह महीने पहले 314 शिक्षण संस्थान खोल दिए, जिनमें 23 कॉलेज भी शामिल है। लेकिन इसमें से 65 विद्यार्थियों वाले कॉलेजों को बंद नहीं किया जाएगा।
शिक्षा विभाग (Education Department) ने फिलहाल 286 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है, जिनमें पिछले एक दो वर्षो से एक भी दाखिला नहीं था। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने प्राथमिक में 10, हाई में 20, वरिष्ठ माध्यमिक में 25 और कॉलेजों में 65 विद्यार्थी का फॉर्मूला तय कर दिया है। इससे कम संख्या वाले शिक्षण संस्थानों (Educational Institutions) को सरकार बंद कर देगी क्योंकि शिक्षा में गुणवत्ता लाना सरकार प्राथमिकता बता रही है।
इसके अलावा शिक्षा मंत्री (Education Minister) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 12 हजार के आसपास शिक्षकों की कमी है, जिन्हें भरने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में 3154 स्कूल ऐसे हैं, जहां केवल एक ही शिक्षक है। 455 स्कूल ऐसे हैं जहां दूसरे स्कूलों से डेपुटेशन (Deputation) के आधार पर अध्यापक लगाए गए हैं। भविष्य में सरकार इन स्कूलों और अध्यापकों को लेकर भी निर्णय लेगी। हिमाचल प्रदेश में लगभग 6 हजार स्कूल ऐसे हैं, जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम है, ऐसे में इन शिक्षण संस्थानों पर भी बंद तलवार लटक गई है।