बिलासपुर, 02 मार्च : हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ी इलाकों से जहां लैंडस्लाइड की खबरें सामने आ रही है। वहीं लैंड स्लाइड के खतरे को देख जिला लोक निर्माण विभाग ने अपनी कमर कसना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि चंडीगढ़-मनाली NH 205 स्थित कल्लर के समीप लैंडस्लाइड जोन घोषित है, जहां पहाड़ों से पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है।

इसके साथ ही नैनादेवी व भाखड़ा रोड पर भी अक्सर लैंडस्लाइड की खबरें सामने आती रही है। जिसे लेकर PWD विभाग अब सजग हो गया है। एक ओर जहां नेशनल हाईवे स्थित पुलिस विभाग व लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित ब्लैक स्पॉटस पर पैराफिट व क्रेश बैरियर लगाए जा रहे हैं। वहीं कल्लर लैंड स्लाइड एरिया की डीपीआर बनाकर प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है। जैसे ही बजट का प्रावधान होगा टेंडर कर कल्लर लैंड स्लाइड की स्ट्रेंथनिंग करने का काम किया जाएगा।
जानकारी देते हुए लोक निर्माण विभाग नैनादेवी के अधिशासी अभियंता गुरमिंदर सिंह राणा का कहना है कि पीडब्लूडी रेस्ट हाउस नैनादेवी के समीप बीते वर्ष लैंड स्लाइड हुआ था और काफी मात्रा में पहाड़ी से मलबा गिरा था। जिसके बाद क्रेट वर्क किया गया मगर वह भी गिर गया। अब दोबारा से यहां क्रेट वर्क किया गया साथ ही उन्होंने बताया कि कोला बाला टोबा से नैनादेवी मंदिर तक 16 किलोमीटर की सड़क के निर्माण के लिए फारेस्ट क्लिरेंस व भूमि अधिग्रहण का कार्य चला हुआ है।
इस सड़क की डीपीआर तैयार कर प्रदेश सरकार को भेज दी गई है। आने वाले समय में वर्ल्ड बैंक द्वारा पैसा जारी होगा और एचपीआरआईडीसी के तहत इस सड़क का निर्माण किया जाएगा।