सोलन, 28 फरवरी : हिमाचल प्रदेश के खुम्ब निदेशालय चम्बाघाट (ICAR-Directorate of Mushroom Research) ने मशरूम की एक नई प्रजाति ऐनाॅकी (Enoki) विकसित की है। दिलचस्प ये है कि इसका उत्पादन 20 से 22 डिग्री तापमान में किया जा सकता है। देवभूमि ने पहले ही कम ऊंचाई के इलाकों में सेब की बागवानी पर पहले ही सफलता हासिल की हुई है, लेकिन अब उच्च तापमान पर मशरूम की खेती भी संभव हो पाएगी।

खुंब निदेशालय के वैज्ञानिको (Scientists) ने इसे लकड़ी के बुरादे पर तैयार किया हैं। शोध (Research) में नई किस्म को सफेद रंग भी दिया गया है, ताकि आकर्षक होने की वजह से बाजार में मांग बढ़े। एनोकी मशरूम (Enoki Mushroom) का उपयोग जापानी, चीनी और कोरियाई व्यंजनों में ही किया जाता है। चीन, नेपाल और पाकिस्तान (Pakistan) के कुछ क्षेत्रों में दिमागी शक्ति (Mental Power) को बढ़ाने में कारगर ये किस्म प्राकृतिक रूप से पाई जाती है। इसमें कई औषधीय गुण (Medicinal properties) मौजूद हैं।
ये हल्के स्वाद के साथ लंबे, पतले, सफेद कवक (white fungus) में होती हैं, जो आमतौर पर सलाद, स्टिर-फ्राइज और अन्य व्यंजनों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। एनोकी मशरूम को दुनिया के कई क्षेत्रों में चिकित्सीय गुणों की वजह से भी महत्व दिया जाता है। सुनहरे रंग की यह मशरूम प्राकृतिक रूप से पेड़ के ठूंठों (Tree Stumps) पर उगती है। लेकिन सही पहचान होने पर ही इसका इस्तेमाल सेवन में किया जा सकता है, क्योंकि जंगलो में जहरीली किस्म भी पाई जाती है।
बता दें कि निदेशालय द्वारा पहले भी मशरूम की नई किस्मों को विकसित किया जा चुका है। इसमें एक शानदार सफलता कृत्रिम रूप से गुच्छी का उत्पादन भी था। मौसम में बदलाव के बाद पिछले कुछ सालों में राज्य के गर्म इलाकों में भी गुच्छी मिलने की खबरें आ चुकी हैं। दरअसल, हिमाचल में बटन मशरूम (Button Mashroom) की खेती पापुलर है। धीरे-धीरे ढिंगरी की दिशा में भी किसान बढ़ रहे हैं।
बटन मशरूम के उत्पादन में तापमान को नियंत्रित करना चुनौती रहता है। सर्दियों में तापमान को नैचुरल (Natural Climate) तौर पर नियंत्रित कर लिया जाता है, लेकिन साल के बाकी समय वातानुकूलित (Air Conditioning) की आवश्यकता रहती है। खुम्ब निदेशालय द्वारा विकसित की गई मशरूम की नई किस्म को किसानों द्वारा आसानी से पैदा किया जा सकेगा।
ठंडे इलाकों में जहां तापमान 24 डिग्री पार नहीं करता है, वहां इसकी खेती राउंड द ईयर (Round the Year) बगैर एयर कंडीशन के की जा सकेगी। खुम्ब अनुसंधान केंद्र चंबाघाट के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा का कहना है कि केंद्र द्वारा निरंतर ही मशरूम की नई किस्मों को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है, इसी कड़ी में ये किस्म विकसित की गई है।
निदेशक का कहना है कि मशरूम की ये किस्म दिमाग को तेज करने के अलावा हड्डियों के लिए लाभकारी है। इसके अलावा बच्चों के लिए भी कई औषधीय गुण मौजूद हैं।