शिमला, 28 फरवरी : सूखे की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश में बारिश-बर्फबारी के कारण किसानों-बागवानों व प्रदेश वासियों ने राहत की सांस की है। पहाड़ों पर बर्फ गिरने से ठंड एक बार फिर लौट आई है। राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्का हिमपात और राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बादलों के बरसने से तापमान में गिरावट आई है। मौसम के करवट लेने से कई शहरों के तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।
शिमला में मंगलवार को अधिकतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि सोमवार को यहां पारा 16.9 डिग्री सेल्सियस था। शिमला में दो मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। लाहौल-स्पीति, किन्नौर सहित कुल्लू और चम्बा जिला के ऊंचे इलाकों में ताज़ा हिमपात हुआ है। केलांग में 0.5 सेंटीमीटर और कुकुमसेरी में 0.3 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है।
राजधानी शिमला में दोपहर से रुक-रुक कर वर्षा का दौर जारी रहा। यहां मौसम बर्फबारी के अनुकूल बना हुआ है। सैलानी व स्थानीय लोग शिमला शहर में सीजन की पहली बर्फबारी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से मौसम में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि आगामी चार मार्च तक राज्य भर में मौसम खराब रहेगा। पहली मार्च को छह जिलों शिमला, लाहौल-स्पीति, चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में भारी बारिश, बर्फबारी और तेज हवाएं चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के मैदानी व मध्यवर्ती इलाकों में दो और चार मार्च को आसमानी बिजली गिरने का येलो अलर्ट रहेगा।
मौसम के करवट बदलने से सूखे की मार झेल रहे किसानों-बागवानों ने राहत की सांस ली है। आगामी दिनों बारिश-बर्फबारी के अनुमान से फसलों व फलों को संजीवनी मिलने की संभावना है। वहीं इससे जलस्त्रोत भी चार्ज होंगे। दरअसल किसान और बागवान सूखे की मार से त्रस्त है। राज्य सरकार के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सूखे की स्थिति पर समीक्षा बैठक कर सभी उपायुक्तों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दे चुके है।
मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में इस बार एक जनवरी से 27 फरवरी तक सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश-बर्फबारी हुई है। इस अवधि में सामान्य बारिश 181.7 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 117 मिलीमीटर ही हुई। सोलन जिला में सबसे ज्यादा सूखे वाली स्थिति है, यहां 67 प्रतिशत कम बारिश हुई। 2022-23 में सर्दियों में सामान्य से 92 प्रतिशत अधिक बारिश हुई थी। इसके अलावा मंडी में 60 प्रतिशत, बिलासपुर में 53 फीसदी, किन्नौर में 49 प्रतिशत, चंबा में 37 प्रतिशत, हमीरपुर में 45 प्रतिशत, कांगड़ा में 23 प्रतिशत, कुल्लू में 11 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में 31 प्रतिशत, शिमला में 42 प्रतिशत, सिरमौर में 46 प्रतिशत और ऊना में 32 प्रतिशत बारिश हुई।