शिमला, 28 फरवरी : 14 मार्च से हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। सुखविंदर सरकार का यह पहला बजट सत्र होगा। जिसको लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच अभी से तलवारें खिंच गई हैं। विपक्ष संस्थानों को डिनोटिफाई करने को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। जबकि सत्ता पक्ष भी विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर चुका है। विपक्षी दल भाजपा ने 2 मार्च को शिमला में विधायक दल की बैठक भी बुला ली है, जिसमें सरकार को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष का जो काम होता है वह करे। लेकिन आरोप लगाने से पहले अपने कार्यकाल में लिए गए 70 हज़ार करोड़ से ज्यादा के कर्ज व 11 हज़ार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारियों पर भी बात कर ले। जहां तक संस्थानों के डिनोटिफाई करने की बात है तो जयराम सरकार ने अपने कार्यकाल में इतना कर्जा ले लिया कि ऐसे संस्थानों को चुनाव से पहले खोला गया।
राज्यपाल के स्वास्थ्य के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको स्टंट पड़ा है। वह राज्यपाल से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। उनकी हालत में काफी सुधार है। खासकर फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर मांग उठाई गई है, क्योंकि बहुत से मामले FCA की वजह से रुके हुए हैं।