नाहन, 27 फरवरी : शहर से तकरीबन पांच किलोमीटर दूर धारक्यारी में हैलीपोर्ट (heliport) के निर्माण की तैयारी शुरू हो चुकी है। हैलीपोर्ट के निर्माण के मकसद से प्रशासन द्वारा टूरिज्म विभाग को 12 बीघा भूमि भी ट्रांसफर की जा चुकी है। बता दें कि हैलीपैड व हैलीपोर्ट में दिन-रात का अंतर होता है।

खास बात ये भी है कि ट्रांसफर की गई भूमि में फोरेस्ट क्लीयरेंस की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। अग्रिम तौर पर ही इस अड़चन को दूर कर लिया गया है। एक समय पहले तक शहर में आर्मी के हैलीपैड का इस्तेमाल करना पड़ता था, लेकिन कुछ समय से हैलीकाॅप्टर की लैंडिंग जुड्डा का जोहड़ में हो रही है।
सोमवार को उपायुक्त आरके गौतम की मौजूदगी में अधिकारियों की टीम ने हैलीपोर्ट के लिए चिन्हित भूमि का जायजा लिया। इसमें जेएसवी के एससी, डीएफओ, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता, बिजली बोर्ड के एक्सईएन व सहायक पर्यटन अधिकारी के अलावा राजस्व विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
बताया जा रहा है कि भूमि के ट्रांसफर होने के बाद निर्माण के लिए बजट की आवश्यकता होगी। फिलहाल शहर का विस्तारीकरण यशवंत विहार कालोनी की तरफ हुआ है। लेकिन उम्मीद है कि धीरे-धीरे धारक्यारी की तरफ भी विकास शुरू होगा। उपायुक्त आरके गौतम ने कहा कि 12 बीघा भूमि पहले ही ट्रांसफर की जा चुकी है।
सोमवार को संयुक्त टीम ने हैलीकाॅप्टर की लैंडिंग व टेक ऑफ को लेकर बारीकी से निरीक्षण किया। उपायुक्त ने कहा कि हैलीपोर्ट पर एयरपोर्ट की तरह ही सुविधाएं होती हैं। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि चिन्हित भूमि में फोरेस्ट क्लीयरेंस की आवश्यकता नहीं होगी। दीगर है कि सरकार की अधिकतर योजनाएं लंबे समय तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस के कारण अटकी रहती हैं।