संगड़ाह, 25 फरवरी : भूतमढ़ी नामक स्थान पर चल रही संत लाइम स्टोन माइन को बंद कर दिया गया है। उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक सिरमौर से की गई शिकायत पर थाना प्रभारी संगड़ाह ने ये कार्रवाई अमल में लाई है। एसएचओ बृजलाल मेहता ने बताया कि स्थानीय निवासी राजेश कुमार व सुभाष चंद की शिकायत पर जमीन विवाद न सुलझने तक चूना खदान को बंद कर दिया है। चूना खदान वाली भूमि का कुछ हिस्सा शिकायतकर्ताओं के अनुसार उनके पुश्तैनी जमीन है, जिस पर जबरन खनन कार्य किया जा रहा है।

उधर, शिकायतकर्ता राजेश कुमार व सुभाष चंद ने डीसी व एसपी को सौंपे पत्र की प्रति जारी करते हुए कहा कि अवैध खनन करवा रही प्रभावशाली महिला व उनका परिवार काम रोकने पर झूठे केस में फंसाने की भी धमकी दे रहा है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार इस माइन से भड़वाना व मंडोली गांव का जंगल और रास्ता भी बर्बाद हो रहा है। उन्होंने हाल ही में उपमुख्यमंत्री द्वारा दिए निर्देशों के मुताबिक सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए भी खनन माफिया व कारोबारी के खिलाफ मामला दर्ज करने की अपील प्रशासन से की है।
वहीं जिला खनन अधिकारी कुलभूषण शर्मा ने कहा कि संत माइन को केवल पुराना स्टॉक उठाने की अनुमति मिली थी। यहां नया खनन कार्य नहीं हो रहा था।
गौरतलब है कि उपमंडल में वर्तमान में करीब 850 बीघा भूमि पर 6 चूना खदानें सरकार की अनुमति से चल रही है, जबकि इनकी आड़ में बार-बार चूना पत्थर के अवैध खनन के मामले भी सामने आते हैं। यहां सरकार की अनुमति से चल रही माइनिंग पर भी नियमानुसार 10-10 फुट की बैचिंग की बजाय अपने फायदे के उद्योगपति पहाड़ में जेसीबी मशीनों से अंडरकट लगाते हैं, जिससे मजदूर भूस्खलन की चपेट में आते हैं।
बता दें कि भूतमढ़ी, संगड़ाह व राईचा लाइमस्टोन माइन्स पर अब तक 6 मजदूरों की भूस्खलन में दबकर मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी द्वारा 1990 के दशक में सिरमौर की सभी 74 अवैध व अवैज्ञानिक चूना खदानों को बंद करवाया था। 30 दिसंबर 2007 को उनके निधन के बाद से खनन माफिया बेखौफ होकर पहाड़ों को रौंदने में लगे है।