नाहन, 24 फरवरी : हिमाचल प्रदेश की पांवटा साहिब घाटी (Paonta Sahib Valley) वन्यजीवों की जन्नत (Heaven for Wild Animals) बन रही है। टाइगर….हाथी….किंग कोबरा की मौजूदगी घाटी को जुदा बनाती है। ये ऐसे वन्यप्राणी हैं, जो हिमाचल प्रदेश में किसी अन्य स्थान पर नहीं मिलते। खैर, टाइगर (Tiger) की तस्वीर सामने आने के बाद ट्रैप कैमरों में अन्य वन्यप्राणी भी कैद हो रहे हैं।
इस बार तेंदुओं की टोली ट्रैप (Trap Camera) कैमरे में कैद हुई है। फर्क ये है कि टाइगर (Tiger) की तस्वीर नेशनल पार्क के कैमरे में कैद हुई थी, जबकि तेंदुए गंगूवाला के नजदीक वन विभाग द्वारा लगाए ट्रैप कैमरे में कैद हुए हैं। हालांकि, तेंदुओं की साइटिंग राज्य में सामान्य है, लेकिन झुंड में तेंदुओं की मस्ती एक दुर्लभ तस्वीर के माध्यम से सामने आई है। एक तस्वीर में तो तेंदुए की पूंछ भी केंद्र बिंदू है।
अमूमन इस तरह की तस्वीर सामान्य तौर पर देखने को नहीं मिलती। उधर, एक अन्य जानकारी के मुताबिक 22 फरवरी को भी नेशनल पार्क में टाइगर की एक धुंधली तस्वीर भी कैद हुई हैं। बताया जा रहा है कि कैमरे के नजदीक आ जाने के कारण तस्वीर धुंधली हो गई।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि नेशनल पार्क सहित घाटी के जंगलों में वन्य प्राणियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। हालांकि पुष्टि नहीं है, लेकिन एक तर्क ये भी है कि पिछले कुछ सालों में शिकारियों पर विभाग अंकुश लगाने में सफल रहा है। शिकार की संख्या प्रचुर होने के कारण ही टाइगर माइग्रेट हुआ है।
ऐसा भी प्रतीत हो रहा है कि टाइगर ने हिमाचल के कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क (Colonel Sherjung National Park) के अलावा हरियाणा (Haryana) के कलेसर नेशनल पार्क (Kalesar National Park) को स्थाई ठिकाना बना लिया हो। करीब डेढ़ माह से टाइगर ने इलाके को नहीं छोड़ा है। 12 फरवरी को भी जंबूखाला के नजदीक टाइगर की मौजूदगी की संभावना जताई गई थी।
ये है घाटी में खास….
दरअसल, यमुना नदी (Yamuna River) के पार उत्तराखंड का राजा जी नेशनल पार्क (Raja Ji National Park) है। नेचुरल तौर पर इस पार्क से यमुना नदी से होते हुए एक गलियारा बन चुका है। पहले इस गलियारे का इस्तेमाल कर एक अकेले हाथी ने आना शुरू किया था। इसके बाद हाथियों की टोली आने लगी। 80 के दशक तक टाइगर के पदचिन्ह (Pugmark of Tiger) मिलते रहे हैं। इस बार तो टाइगर की ही तस्वीर क्लिक हुई है। लगातार ही टाइगर के इलाके में पदचिन्ह भी मिल रहे हैं।
तकरीबन डेढ़ साल पहले कोलर के फांदी गांव में पहली बार किंग कोबरा साइट किया गया था। इसे कैमरे में शूट करने वाले प्रवीण ठाकुर को इस बात का कतई इल्म नहीं था कि वो अपने मोबाइल कैमरे में ‘किंग कोबरा’ (King Cobra) को कैद कर रहे हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क की कोशिश से ही ये पता चला था कि हिमाचल में इससे पहले किंग कोबरा की मौजूदगी के साक्ष्य सामने नहीं आए थे। पांवटा साहिब वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गंगूवाला के ट्रैप कैमरे में तीन तेंदुए एक साथ कैद हुए हैं।
गौरतलब है कि ट्रैप कैमरे की ये खासियत होती है कि जानवर के सामने मूवमेंट करते ही ये फोटो क्लिकिंग माॅड में ऑटोमेटिक ही आ जाता है। इसमें वीडियो का विकल्प भी मौजूद होता है।
बताया जा रहा है कि वन्य प्राणी विभाग इस कोशिश में है कि कैमरे में टाइगर का वीडियो भी कैद हो जाए। गौरतलब है कि हिमाचल के केवल इसी घाटी में ही साल के जंगल मौजूद हैं। साल के जंगलों में टाइगर व हाथियों की कदमताल होती है।
ये भी था दुर्लभ….
तकरीबन दो साल पहले एक दुर्लभ घटना भी हुई थी। अमूमन ठंडे इलाकों में रहने वाला भालू (Bear) का शावक कोलर में स्पाॅट हो गया था। इसके अलावा रेणुका जी में भी सांप की एक दुर्लभ प्रजाति को वन्यप्राणी विभाग के वनरक्षक ने क्लिक किया था।