शिमला, 22 फरवरी : हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर हमला साधा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के चार हजार युवाओं की भर्ती प्रक्रिया इसमें लंबित पड़ी है, जिससे युवाओं का भविष्य अधर में लटका नजर आ रहा है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि भर्ती प्रक्रिया कैसे पूरी होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग से पूरे करने की बात कही है, लेकिन इससे युवाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर देना मामले का सही समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि अब युवाओं को भर्ती प्रक्रिया के लिए शिमला के चक्कर काटने पड़ेंगे। इससे पहले कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में युवाओं की सहूलियत के लिए खोला गया था।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कर्मचारी चयन आयोग में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के मिले होने की बात करते हैं। यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर कौन पेपर लीक में शामिल है। सरकार को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग को बंद करने की एक बड़ी वजह यह भी रही कि आयोग के चेयरमैन भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय नियुक्त किए गए थे। उन्होंने कहा कि इसलिए भी सरकार ने यह फैसला लिया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पेपर सीक्रेसी से जुड़ा मामला सचिव के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसमें चेयरमैन की कोई भूमिका नहीं होती साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर इसमें उनकी कोई भूमिका पाई जाती है, तो कार्रवाई की जानी चाहिए।