सुंदरनगर, 22 फरवरी : हिमाचल प्रदेश की समृद्ध देव संस्कृति में देवरथ का खासा महत्व है। इन्हीं देवरथों के माध्यम से देवी-देवता अपने मूल स्थान से श्रधालुओं को दर्शन और आशीर्वाद देने एक स्थान से दूसरे स्थान जाते हैं। ऐसे ही मंडी जिला के प्रसिद्ध सतबाड़ा देव भनवाड़ 24 वर्षों के बाद नए देवरथ में बुधवार को विराजमान हो गए हैं। उपमंडल सुंदरनगर के गांव भनवाड़ में नए देवरथ प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न हुआ।

बता दें कि देव सतबाड़ा का मंदिर प्राचीनकाल से भनवाड़ गांव में पहाड़ी पर स्थित है। बाड़ादेव 7 गांवों के अधिष्ठाता देवता हैं और क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देवता के तौर पर महत्वपूर्ण स्थान है। जानकारी देते हुए देव सतबाड़ा भनवाड़ के पुरोहित धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि देव सतबाड़ा देव के नए रथ का निर्माण 24 वर्षों के बाद जनसहयोग से किया गया है। देवता की रथ प्राण प्रतिष्ठा का कार्य तीन दिनों तक चला है। देवता आज अपने नए रथ में विराजमान हो गए हैं।
इस देवरथ का निर्माण गांव समलयाडा के देवरथ का खानदानी कार्य करने वाले कारीगर लच्छी राम और गुर देव ने किया है। इस पावन अवसर पर मंदिर कमेटी द्वारा सभी भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए लंगर की भी व्यवस्था की गई।
इस मौके पर सुकेत सर्व देवता कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक सोनी, बाडू बाडा मंदिर कमेटी चरखडी, माहूंनाग स्यांजी मंदिर कमेटी, देव मडोढ कंदार मंदिर कमेटी, खुडी जहल रांघ मंदिर कमेटी, देवी काली चामुंडा हाटेश्वरी द्रौडाधार मंदिर कमेटी, बाला कामेश्वर छजवार मंदिर कमेटी विशेष रूप से मौजूद रहे।