मंडी, 19 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में जिस सरकारी जमीन पर मंदिर बने हैं, उस जमीन को नियमों के तहत उस मंदिर के नाम कर दिया जाएगा। बशर्ते वो जमीन वन भूमि नहीं होनी चाहिए और आसानी से हस्तांतरित होने वाली होनी चाहिए। यह ऐलान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज मंडी के संस्कृति सदन में किया।

वे यहां अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के मौके पर सर्व देवता समिति की तरफ से आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। देवता समिति ने मांग उठाई थी कि जिन मंदिरों का निर्माण सरकारी भूमि पर हुआ है। उस जमीन को संबंधित देवी-देवता के नाम कर दिया जाए, ताकि वहां पर सराय और शौचालयों के निर्माण किए जा सकें। इस पर सीएम सुक्खू ने हामी तो भरी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। वहीं सीएम ने संस्कृति सदन के शिवरात्रि के बाद वर्ष भर अन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल का ऐलान भी किया।
वहीं, सीएम ने अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने वाले देव समाज के लिए एक करोड़ रुपए देने का ऐलान भी किया। बता दें कि देवता समिति ने देवी-देवताओं को एमपी, एमएलए और अन्य माध्यमों से मिलने वाली विकासात्मक राशि को सीधे मंदिर कमेटी को देने और महोत्सव के दौरान देवी-देवताओं के पड्डल मैदान में बैठने के लिए स्थायी ठिकाने की मांग भी रखी गई थी, जिस पर सीएम ने कोई ऐलान नहीं किया।
समारोह में सांसद प्रतिभा सिंह, विधायक अनिल शर्मा, चंद्रशेखर, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, प्रकाश चौधरी, पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर और जिला के अन्य कांग्रेसी नेता भी मौजूद रहे।