नाहन, 18 फरवरी : सिरमौर जिला का सुप्रसिद्ध महामाया बालासुंदरी जी चैत्र नवरात्र मेला जिला मुख्यालय नाहन से 20 किलोमीटर दूर त्रिलोकपुर में आगामी 22 मार्च से 6 अप्रैल तक श्रद्धा व उल्लास के साथ आयोजित किया जाएगा। 16 दिनों तक चलने वाले इस मेले की व्यापक प्रबंधों को लेकर उपायुक्त आरके गौतम ने शुक्रवार को मां बालासुंदरी के दरबार स्थित सभागार में बैठक का आयोजन किया। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी व मेला कमेटी के समस्त सदस्य मौजूद रहे।

आरके गौतम ने कहा कि महामाया बालासुंदरी सिरमौर जिला के साथ-साथ हरियाणा के एक बड़े परिक्षेत्र की भी अधिष्ठात्री देवी है और बड़े जनपद की अपार श्रद्धा से जुड़ा यह मेला बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आराध्य देवी के दर्शनों के लिए आते हैं, जिसके चलते कानून व व्यवस्था, श्रद्धालुओं की सुविधा तथा स्वच्छता व आवास को लेकर बड़ी चुनौतियां रहती हैं। एजेण्डावार बैठक के मद्दों पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित बनाने के लिए कानून व व्यवस्था को बनाए रखना पहली प्राथमिकता है।
300 जवान संभालेंगे सुरक्षा जिम्मा
उपायुक्त ने कहा कि मेले में 150 पुलिस कर्मियों तथा 150 होमगार्ड के जवानों की तैनाती की जाएगी, जो चप्पे-चप्पे की सुरक्षा सुनिश्चित बनाएंगे। एनसीसी, एनएसएस व स्काउट एवं गाइड के वालंटियरों की भी सेवाएं ली जाएंगी। किसी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन बल की आधी टुकड़ी को भी तैनात करने के प्रयास किए जाएंगे। भगदड़ जैसी स्थिति का पूर्व आंकलन, आपदा प्रबंधन सहित बैरिगेटर में यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए यथा जरूरत पुलिस बलों को तैनात किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर और अधिक जवानों की तैनाती की जा सकती है।
मेला परिसर को चार सेक्टरों में बांटा जाएगा
पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा ने अवगत करवाया कि कानून व व्यवस्था के दृष्टिगत मेला क्षेत्र को चार विभिन्न सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। प्रथम सेक्टर मंदिर परिसर से बाजार गेट तक। दूसरा सेक्टर मुख्य प्रवेश द्वार से ध्यानु भक्त मंदिर तक। तीसरा सेक्टर ध्यानु भक्त मंदिर से बस अड्डा पार्किंग खैरी पुल तक जबकि बस अड्डा से हीमुंडा पार्किंग तक चौथा सेक्टर चिन्हित किया गया है।
प्रत्येक सेक्टर में एक सेक्टर अधिकारी चौबीस घण्टे ड्यूटी पर तैनात रहेगा। चार डीएसपी की तैनाती भी इन सेक्टरों में की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी के लिए लगभग 100 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे। चप्पे-चप्पे पर तीसरी आंख का भी पहरा रहेगा। पुलिस द्वारा ड्रोन से भी मेले की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। इसके लिए पुलिस अधीक्षक ने मेला परिक्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिए जल्द ही पुलिस की एक टीम भेजने की बात कही। उन्होंने कहा कि यथा रिपोर्ट सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि मेले के दौरान त्रिलोकपुर में आग्नेय शस्त्र अथवा विस्फोटक सामग्री मेला क्षेत्र में लाना व ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। मेला क्षेत्र से काला अंब तक मीट, मांस विक्रेताओं पर नियंत्रण सहित मदिरापान पर भी प्रतिबंध रहेगा। मंदिर के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर की स्थापना की जाएगी।
वाहनों की आवाजाही व पार्किंग के लिए अलग से व्यवस्था
आरके गौतम ने कहा कि मेले के दौरान त्रिलोकपुर में वाहनों की आवाजाही बहुत अधिक बढ़ जाती है, जिसे नियंत्रित करना अनिवार्य है। मेला परिसर पूरी तरह से नो पार्किंग जोन रहेगा और आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को परमिट प्रदान किए जाएंगे। वैकल्पिक मार्गों को चिन्हित किया जाएगा। इसमें रुचिरा पेपर मिल्स के सामने के मार्ग, खैरी से टोका साहिब मार्ग तथा रुचिरा पेपर मिल्स के सामने स्थित मार्ग का प्रयोग किया जाएगा।
त्रिलोकपुर में प्रातः 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। कालाअंब से त्रिलोकपुर मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पर भी प्रातः चार बजे से रात्रि 9 बजे तक प्रतिबंध रहेगा। मेला पुलिस अधिकारी को कालाअंब से मेला क्षेत्र तक एक वाहन की व्यवस्था न्यास द्वारा की जाएगी।
सूचना केन्द्र की स्थापना की जाएगी
आरके गौतम ने कहा कि मेले के दौरान अत्यधिक भीड़ के कारण बिछड़े यात्रियों के बच्चों, वृद्धजनों व महिलाओं आदि की सुरक्षा के लिए डीपीआरओ की देख-रेख में एक गुमशुदा व पूछताछ तलाश केन्द्र की स्थापना की जाएगी। इसमें वीडियोग्राफी व ध्वनि प्रसारण स्थापित किया जाएगा ताकि इसके माध्यम से एनाउंसमेंट करके बिछड़ों को उनके परिजनों को सौंपा जा सके। मेला पुलिस नियंत्रण कक्ष में भी ध्वनि प्रसार सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी।
स्वच्छता का रखा जाएगा पूरा ख्याल, 90 कर्मियों की करेंगे तैनाती
आरके गौतम ने कहा कि लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ की आमद से क्षेत्र की स्वच्छता एक बड़ी चुनौती रहेगी, लेकिन इसे हर हाल ही में सुनिश्चित करना है। इसके लिए उन्होंने स्थानीय ग्राम पंचायत अभी से लोगों को जागरूक करके स्वच्छता अभियान चलाएगी। मेले में सफाई सुनिश्चित बनाने के लिए 90 सफाई कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। सफाई सामग्री व कूड़ा वाहन सहित निविदाएं आमंत्रित करने के लिए मेला कमेटी को निर्देश दिए गए है।
उन्होंने कहा कि सफाई के लिए भी मेला क्षेत्र को चार विभिन्न सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। मेला क्षेत्र में 16 नए अस्थाई शौचालय स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने पहले से ही स्थापित शौचालयों की आवश्यक मरम्मत करने के भी निर्देश दिए।
इसी प्रकार, मेले के दौरान श्रद्धालुओं को पेयजल सुविधा प्रदान करने के लिए उन्होंने जल शक्ति विभाग को मेला क्षेत्र में 50 अस्थाई कनेक्शन लगाने को कहा। उन्होंने भण्डारा क्षेत्रों में भी पानी की समुचित व्यवस्था बनाने के लिए कहा। इसके लिए टैंकरों से भी पानी की आपूर्ति की जाएगी।
चौबीस घंटे लगेंगे भण्डारे, भोजन की गुणवत्ता पर रहेगी नजर
उपायुक्त ने कहा कि मेला क्षेत्र में विभिन्न 6 स्थानों पर भंडारे लगेंगे। इसके लिए उन्होंने कमेटी को भण्डारा देने वाले का पूरा विवरण रिकार्ड करने तथा उपलब्ध करवाए जा रहे भोजन की गुणवत्ता को सुनिश्चित बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के दो निरीक्षक, चिकित्सक तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी की जिम्मेवारी होगी।
उन्होंने भण्डारा देने वालों से यह भी आग्रह किया कि भोजन में तीन से चार दालें व सब्जियां होना जरूरी है और यह भंडारे चौबीस घण्टे चलेंगे। ताकि सुदूर क्षेत्रों से देरी से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भी भोजन उपलब्ध हो सके।
जगह-जगह पर लगेंगे स्वास्थ्य शिविर
उपायुक्त ने कहा कि श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिये स्वास्थ्य विभाग व आयुर्वेद विभाग द्वारा स्वास्थ्य कैम्प स्थापित किये जाएंगे। इन कैम्पों में आवश्यक दवाएं व स्वास्थ्य परीक्षण उपकरण चिकित्सकों के पास उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा निजी अस्पतालों द्वारा भी स्वास्थ्य शिविर स्थापित किये जाएंगे। चार एम्बुलेंस भी तैनात की जांएगी।
मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण पर डीसी का विशेष बल
आरके गौतम ने कहा कि मेले के दौरान मुख्य मंदिर के साथ-साथ समूचे मंदिर परिसर को लाइटों से जगमगाया जाएगा। परिसर को सुंदर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। चढ़ावे की गणना चार सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हर रोज की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि माता के दर्शनों के लिए दिव्यांगजनों तथा वृद्धजनों को मंदिर पहुंचाने के वाहन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने सभी विभागों से सौंपे गए दायित्वों को इमानदारी के साथ पूरा करने का आग्रह किया।