मंडी, 18 फरवरी : छोटी काशी मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के लिए जनपद के देवी देवताओं का आगमन जारी है। बीते रोज बड़ा देव कमरूनाग सहित जनपद के 7 देवी-देवता शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने के लिए पहुंच थे। वहीं शनिवार शाम तक 100 से अधिक देवी-देवता ढोल-नगाड़ों व वाद्य यंत्रों की थाप पर छोटी काशी में आगमन हो चुका है। इन देवी देवताओं के साथ हजारों देवलू झूमते नाचते हुए जनपद में पहुंच रहे हैं।

देवी देवताओं के आगमन से छोटी काशी देवमई हो गई है। चौहार घाटी के आराध्य देव हुरंग नारायण, बजीर देव पशाकोट, देव पेखरा गहरी, देव गहरी, देव आदि ब्रह्मा, पराशर ऋषि, देव मार्कंडेय ऋषि, मगरू महादेव, देव श्री बायला नारायण, नाग चंपलादू सहित सैंकड़ों देवी देवता जनपद में शिरकत कर चुके हैं। चौहार घाटी के देवता अपनी अलग पहचान बनाते हैं। इनके मंडप सफेद कपड़े की छोटी-छोटी कतरनों से सजे होते हैं। रथ पर चार मुखौटे लगे होते हैं। देव ब्रह्मा का रथ कुल्लवी शैली का बना हुआ है।
बाली चौकी क्षेत्र के देवता छाजणु व छमाहूं के रथ भी कुल्लू घाटी के देवी-देवताओं के रथों से मेल खाते हैं। छतरी क्षेत्र के देव मगरू महादेव का रथ भी अपनी विशिष्ट शैली के लिए प्रसिद्ध है। सर्व देवता समिति के प्रधान शिवपाल शर्मा ने बताया कि शिवरात्रि के दूसरे दिन 100 से अधिक देवता मंडी जनपद में पहुंच चुके हैं। राज माधव राय मंदिर में हाजिरी भरने के उपरांत सभी देवी देवता जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार अपने-अपने स्थान पर विश्राम करने के लिए रवाना हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि 19 फरवरी तक सभी देवी देवता शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने के लिए जनपद में पहुंच जाएंगे। पहले देवी देवताओं के साथ मात्र कुछ ही देवलू शिवरात्रि में पहुंचे थे, लेकिन इस बार अधिक संख्या में देवलू शिवरात्रि में पहुंच रहे हैं।
बता दें कि छोटी काशी में कल से अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज होने जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 19 फरवरी यानी कल अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के रीति रिवाजों का निर्वहन करेंगे। वे इस दौरान जलेब में भी शामिल होंगे और पहली सांस्कृतिक संध्या में भी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे।