नाहन, 18 फरवरी : हिमाचल की पांवटा साहिब पुलिस ने प्रिंस मोबाइल गैलरी में तकरीबन 35 लाख के मोबाइल लूटने वाले गिरोह के सदस्य को हरियाणा के मेवात से चार साल बाद काबू कर लिया है। हालांकि, पुलिस ने इस सेंधमारी में संलिप्त पांच बदमाशों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन छठा शातिर खाकी को चकमा देने में कामयाब हो रहा था।
आरोपी अरशद उर्फ पुंगी पुत्र मुहर खान निवासी मेवात हरियाणा को उदघोषित अपराधी घोषित किया गया था। खास बात ये है कि बदमाश को उसकी असल जगह पहुंचाने के लिए पुलिस के पीओ सैल ने कड़ी मशक्कत की। इसमें साइबर सैल की भी मदद ली गई।

मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने पुंगी को काबू करने के लिए मेवात में ही मुखबिरों का नेटवर्क तैयार किया। चूंकि, ये इलाका आपराधिक गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है, लिहाजा इस इलाके से बदमाश को उठाकर लाना आसान नहीं था। बताते हैं कि हिमाचल पुलिस के एक साहसी कर्मी ने भी करीब एक सप्ताह तक इलाके में रहकर पुंगी की गिरफ्तारी में मुखबिर की भूमिका निभाई।
31 अगस्त 2018 की रात तकरीबन 1ः20 बजे गैंग ने मोबाइल गैलरी में सेंधमारी को अंजाम दिया था। हालांकि, मालिक ने आई-20 कार का पीछा किया था। इसी कार में सवार होकर बदमाश वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि इस वारदात में पुलिस पहले ही राजस्थान के अलवर के रहने वाले जुबेर अहमद, हरियाणा के मेवात के इकबाल, मोहम्मद दानिश, वसीम अकरम, तारीफ के अलावा तलसीम को गिरफ्तार कर चुकी थी।
वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों की उम्र 29 से 31 साल के बीच थी। राजस्थान की सीमा पर हरियाणा के मेवात में आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह पनपते हैं। देश के कई राज्यों में वारदातों को अंजाम देते हैं।
उधर, ये भी आशंका जाहिर की जा रही है कि अरशद उर्फ पुंगी की संलिप्तता अन्य राज्यों की आपराधिक गतिविधियों में हो सकती है। इसकी जानकारी जल्द ही पांवटा साहिब पुलिस द्वारा पड़ोसी राज्यों में भी शेयर की जाएगी।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पांवटा साहिब के डीएसपी रमाकांत ठाकुर ने कहा कि आरोपी को पीओ घोषित किया गया था। पुलिस अधीक्षक ने उद्घोषित अपराधियों को गिरफ्तार करने को लेकर विशेष निर्देश जारी किए हुए हैं। डीएसपी ने कहा कि ऐसे अपराधी जो वारदातों को अंजाम देने के बाद ये समझ बैठते हैं कि वो आजादी से घूमते रहेंगे, तो उनकी गलतफहमी है।