ऊना, 18 फरवरी : जिला में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही श्रद्धा आस्था और धूमधाम से मनाया गया। जिला के शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई थी। वहीँ जिला के ऐतिहासिक शिव मंदिरों में हिमाचल ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से आए श्रद्धालुओं ने भी शीश नवाया।

शिवरात्रि के अवसर पर के साथ लगते कोटला कलां के प्राचीन महादेव मंदिर में 81 फ़ीट ऊँची भगवान शिव की प्रतिमा श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने लंबी लंबी कतारों में लगकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।
शिवरात्रि के पर्व पर शनिवार को जिला ऊना बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान जिला के शिव मंदिरों में हजारों की तादाद में भक्तों ने माथा टेका। सुबह तड़के से ही जिला के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमडऩी शुरू हो गई। वहीं ऊना के प्रमुख ऐतिहासिक शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का खूब जनसैलाब उमड़ा।
जिला में स्थित नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में गुरु द्रोणाचार्य की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध गगरेट के शिवबाड़ी, बाबा गरीब नाथ मंदिर कोलका, चताड़ा में बनौड़े महादेव व अद्र्धनारीश्वर, तलमेहड़ा स्थित सदाशिव ध्यूंसर महादेव, बडूही में नीलकंठ महादेव, बंगाणा के चौमुखा महादेव, अरलू के सांडा महादेव और भगवान् शिव की 81 फ़ीट ऊँची प्रतिमा वाले महादेव मंदिर कोटला कलां में सुबह भौर फूटने से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारे लगना शुरू हो गई थी।
श्रद्धालुओं ने शिवलिंगों का जलाभिषेक करके पूजा अर्चना की। शिवजी की पावन पिंडियों को पंचामृत स्नान करवाया गया। ऊना जिला के पौराणिक मंदिरों में हिमाचल ही नहीं पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से आये श्रद्धालु भी नतमस्तक हुए इनमें से अधिकतर मंदिर पांडव काल के माने जाते है। ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण किया था। मंदिरों में शीश नवाने आए श्रद्धालुओं की माने तो भगवान् भोले नाथ सभी की मनोकामना पूरी करते है।