संगड़ाह, 15 फरवरी : उपमंडल की देवना-थनगा सड़क की दशा बद से बदतर हो गई है। ग्रामीणों की मांग पर तीन किलोमीटर लंबे मार्ग की दशा को लोक निर्माण विभाग ने नवंबर 2021 में सुधारना शुरू किया था। उस समय क्षेत्र में ग्रामीणों ने खराब मौसम का हवाला देकर इस कार्य को रुकवा दिया था।

उनका कहना था कि मौसम खुलने के बाद ही इसकी मरम्मत की जाए, ताकि पैसे की बर्बादी न हो। अब इस रुके कार्य को विभाग व ठेकेदार शुरू करने का नाम ही नहीं ले रहे है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत हिमाचल के लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य से की है।
मंत्री को भेजे पत्र में थनगा निवासी सुभाष भारद्वाज ने कहा कि देवना-थनगा सड़क का निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 1986 में किया था। उस दौरान सरकारी बस भी कच्ची सड़क पर चल रही थी। अधिशासी अभियंता रत्न शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 में लोगों के विरोध के कारण काम रुकवा दिया गया था। इसमें उसकी धनराशि भी लैप्स हो गई थी।
उन्होंने विभाग की ओर से लोगों को समझाते हुए कहा कि अगर सड़क खराब होती है तो ठेकेदार की सिक्योरिटी के रूप में हमारे पास धनराशि होती है। ऐसे में उन्ही की जिम्मेवारी बनती है कि कार्य को कराया जाए। इतने छोटे कार्य के लिए कोई भी ठेकेदार राजी नहीं होते है। ठेकेदार को जितना काम हुआ है उतनी ही धनराशि जारी की गई है। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों से बात कर इसका दोबारा टेंडर लगाया जाएगा।