हमीरपुर, 10 फरवरी : अटल रह तू बस अपने हौंसलों पर, चलता रह मत रख नज़र दुनिया पर, मंज़िल मिलेगी ज़रूर तुझे तू बस टिका रह अपने अटल इरादों पर। यह कहावत हमीरपुर जिले के उपमंडल बड़सर के अंतर्गत गांव टिक्कर ब्राह्मणा डाकघर बूंबलू की आरती मेहता पत्नी राज कुमार कौशल ने एजुकेशन में अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी कर दिखाई। गौरतलब है कि आरती ने विवाह के उपरांत भी अपनी पढ़ाई जारी रख यह मुकाम हासिल कर परिवार व इलाक़े का नाम रोशन किया।
डॉक्टर आरती मेहता ने प्रारंभिक स्कूली शिक्षा सोलन जिला के अंतर्गत गांव पारनू व दाड़लाघाट से प्राप्त की। उसके बाद शिमला डिग्री कॉलेज से बीए, एमए, बीएड और एमएड की पढ़ाई की। वर्तमान में वह मैहरे में दीन दयाल उपाध्याय बीएड कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि विवाह होने और पुत्र जन्म के उपरांत भी नौकरी व पढ़ाई को जारी रखने का निर्णय लिया, जिसमें परिवार का पूर्ण सहयोग रहा और उसी के चलते आज पीएचडी का मुकाम हासिल किया है।
आरती ने प्रारंभिक शिक्षा गांव से होने के बावजूद भी अपनी ग्रामीण पृष्ठभूमि को सफलता के आड़े नहीं आने दिया। वह लगातार मेहनत करती रहीं। आरती के पति राजकुमार कौशल एमबीए करने के बाद एक मल्टीनेशनल टायर कंपनी व ब्रिजस्टोन में हिमाचल एरिया प्रबंधक रहे। लेकिन 7 वर्ष बाद अपनी नौकरी छोड़ अब व्यवसाय में जुड़ हुए हैं।
डॉक्टर आरती ने अपनी सफलता का श्रेय पीएचडी गाइड डॉ. राज कुमार धीमान, माता विधा मेहता गृहिणी,पिता नंदलाल मेहता सेवानिवृत्त सीनियर अकाउंट ऑफ़िसर एजी कार्यालय शिमला, पति राजकुमार, सास सुषमा देवी व ससुर लाला प्यार चंद एवं परिवार के अन्य सदस्यों को दिया। पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद परिवार और ग्रामीणों में भी खुशी की लहर है।