शिमला, 07 फरवरी : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के जलाशयों से लगातार पक्षी प्रेमियों के लिए अच्छी ख़बरें सामने आ रही है। एक बार फिर पौंग जलाशय से रोमांच पैदा करने वाली खबर आई है। करीब 6 साल बाद जलाशय में “राजहंस” साइट हुआ है। वैसे तो “ग्रेटर फ्लेमिंगो” की कई खूबियां है। लेकिन खास खूबी ये है कि एक टांग पर घंटो तक पानी में खड़ा रह सकता है। इसी मुद्रा में नींद भी ले लेता है।
एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार शाम के समय यूरोपीय देश (European Countries) के साथ-साथ दक्षिण एशिया में पाए जाने वाला यह परिंदा पौंग झील में स्पॉट हुआ है। इससे पहले परिंदे को जनवरी 2017 में देखा गया था। इस दौरान पक्षी के जोड़े को देखा गया था।

गौरतलब है कि राजहंस (Greater Flamingo) देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister) के पैतृक राज्य गुजरात का स्टेट बर्ड भी है। मंगलवार शाम बर्ड को साइट के दौरान वाइल्ड लाइफ के डीएफओ रेगिनाल्ड रॉयस्टन, वनरक्षक अंकुश धीमान व मालासारी भट्टाचार्य मौजूद थे। चंद सप्ताह पहले पौंग जलाशय में दुर्लभ प्रजाति की लंबी पूंछ वाली बत्तख (Long Tail Luck) के दीदार भी हुए थे।
इसके बाद हिमाचल की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी से भी दुर्लभ प्रजाति पक्षी बैकल टील ( Baikal Teal) व ऑरेंज बेलीड लीफबर्ड (Orange Bellied leafbird) भी देखे गए थे। प्रवासी परिंदों की सूबे में बढ़ती आमद पक्षी प्रेमियों (Bird Lovers) को खासा रोमांचित कर रही हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक पक्षी की भव्यता उड़ान के दौरान शानदार होती है। ठंड से बचाव और भोजन की तलाश में एशिया का प्रवास करता है। विश्व में राजहंस की छह प्रजातियां मौजूदा हैं, भारत में दो प्रजातियां पाई जाती हैं। सौभाग्य से, मौजूदा समय में राजहंस (Flamingo) की कोई भी प्रजाति लुप्तप्राय नहीं है। लेकिन मतलब यह नहीं है कि सब ठीक है।
फ्लेमिंगो की एक प्रजाति को IUCN ने 2006 में रेड लिस्ट ऑफ़ थ्रेटेनेड स्पीशीज़ (list of threatened species) में वर्गीकृत किया था। पानी में खड़े राजहंस गुलाबी खिले हुए कमल के समान प्रतीत होते हैं। राजहंस (फ्लैमिंगो) एक शोभायमान पक्षी है, जिसके लिए गीत और कविताएं भी समर्पित की जाती रही हैं। एनिमेटेड फिल्म “दिल्ली सफारी” में राजहंस पर एक सुंदर और मधुर गीत “आओ रे परदेसी मारे घर आओ रे आओ रे” दिखाया गया है।
विशेषज्ञ बताते है कि जलाशयों में राजहंस के झुण्ड को देखने से मन प्रफुल्लित हो जाता है। ये पक्षी बहुत ही मिलनसार होते हैं। पक्षी की चोंच एक फिल्टर का काम करती है। पक्षी औसत रूप से 25 से 30 वर्षों का एक लंबा जीवन जीते हैं, जबकि कृत्रिम आवास में जीवनकाल 40 वर्षों तक भी देखा गया है। फ्लेमिंगो अच्छा नृत्य करते हैं। वे एक साथ कदमताल भी करते हैं, एक दिशा में एक पंख और दूसरी दिशा में एक पैर रखते हैं।
पक्षी का वैज्ञानिक नाम फोनीकॉप्टरस रोज़ेयस (Phoenicopterus roseus) है। गुजरात में फ्लेमिंगो की अच्छी आबादी है। ये एक भ्रमणशील प्रजाति है। फीडिंग साइट अक्सर अलग-अलग देशों में सैकड़ों किलोमीटर दूर तक फैली होती है। इन स्थानों तक जाने के लिए ज्यादातर उड़ानें रात में होती हैं।