ऊना, 3 फरवरी : उपमंडल अंब की एसीजेएम कोर्ट ने एक व्यक्ति को सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा पहुंचाने व उसके साथ मारपीट करने के आरोप में दोषी मानते हुए 4 साल की सजा व 8000 जुर्माना सुनाया है। शुक्रवार को जानकारी देते हुए सहायक जिला न्यायवादी शिखा राणा ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की गगरेट ब्रांच के मैनेजर मदन लाल चोपड़ा ने 12 अगस्त 2011 को गगरेट थाना में मामला दर्ज करवाया था, कि चिंतपूर्णी के नारी गांव के अनूप कुमार ने बैंक से 2007 में एक ऋण लिया था। इसके बदले में उसने अपनी प्रॉपर्टी बैंक के पास गिरवी रखी थी।

ऋण चुकता न करने की हालत में 12 अगस्त 2011 को वह जब अपने मुख्य प्रबंधक एनके मोंगिया के साथ चिंतपूर्णी में इसकी प्रॉपर्टी देखने गए तो उन्हें वहां पर पता चला कि अनूप कुमार ने अपनी प्रॉपर्टी में से कुछ हिस्सा एक अन्य व्यक्ति राकेश कुमार को बेच दिया है।
जांच पड़ताल करने व राकेश कुमार से मिलने के बाद जब वापस आ रहे थे तभी रास्ते में उन्हें रजिंद्र सिंह पोमी नाम के व्यक्ति ने रोक लिया। उसने उन्हें जमीन से संबंधित कोई भी कार्रवाई करने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी और मारपीट की। जिससे वह वह घायल हो गए। जिसके बाद पुलिस ने मदनलाल की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
इसी मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को एसीजेएम निरंजन सिंह की अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 332 के तहत 2 साल की सजा 2000 जुर्माना, 341 के तहत 1 साल की सजा 2000 जुर्माना 302 के तहत 1 साल की सजा 2000 रुपए जुर्माना, और 506 के तहत 4 साल की सजा 2000 जुर्माना सुनाया है। जुर्माना अदा करने की हालत में आरोपी को 15 दिन अतिरिक्त कारावास में काटने होंगे। शिखा राणा ने बताया कि यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।