शिमला,3 फरवरी : सचिवालय में तीन दिन से चल रही विधायक प्राथमिकताओं की बैठक के अंतिम दिन शिमला, चम्बा और लाहौल स्पीति के विधायकों के साथ बैठक हुईं जिसमें विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र की प्राथमिकताओं को साझा किया।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा की विधायकों द्वारा दिए गए सुझावों और प्राथमिकताओं को बजट में शामिल किया जाएगा। सभी पक्ष और विपक्ष की विधायकों की तरफ से बहुमूल्य सुझाव आए हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश में कर्ज को लेकर भी मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर पलटवार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को कर्ज का रोना रोने के बजाय प्रदेश के विकास के लिए कार्य करने की सलाह दी थी।
पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जयराम सरकार ने राजनीतिक मंशा से प्रदेश को कर्जे के बोझ तले डुबो दिया है, जिसे उभारने के लिए चार वर्ष लग जाएंगे। प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहद खस्ताहाल है। 11 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारी है। प्रदेश को चलाने के लिए अभी सरकार को ओर कर्ज लेना पड़ेगा। हिमाचल की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार कैबिनेट में कड़े फैसले लेगी।
उधर, बैठक में भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. जनक राज में ऑल वेदर रोड की मांग उठाई। साथ ही उन्होंने पांगी में 10 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट को भी बजट में शामिल करने की मांग रखी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक की मांग पर अधिकारियों को इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं। भरमौर के विधायक डॉक्टर जनक राज ने कहा कि पांगी-भरमौर प्रतिमा का पिछड़ा हुआ इलाका है। यहां लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वहीं, डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डीएस ठाकुर ने पर्यटन नगरी डलहौजी के विकास का मुद्दा विधायक प्राथमिकता की बैठक में उठाया। उन्होंने कहा कि डलहौजी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हजारों लोगों का रोजगार पर्यटन कारोबार से जुड़ा हुआ है। ऐसे में अगर पर्यटन की दृष्टि से विकास को आगे बढ़ाया जाता है, तो इससे आम लोगों को फायदा होगा।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान पत्रकारों एवं अन्य सभी लोगों पर बनाए गए मामलों को भी सरकार वापस लेगी।