शिमला, 02 फरवरी : हिमाचल प्रदेश की पौंग झील (Pong Lake) में ‘लंबी पूंछ वाली बत्तख’ (Clangula hyemalis) पहली बार रिपोर्ट हुई है। खास मेहमान 31 जनवरी को कैमरे में कैद हो गया। इसके बाद तस्दीक में इस बात की पुष्टि हो गई कि वास्तव में ही विदेशी परिंदों के साथ एक खास मेहमान भी पौंग झील के नीले पानी की खूबसूरती को बढ़ा रहा है।

ऐसा माना जा रहा है कि ये खास परिंदा हजारों किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद नाॅर्थ रशिया (North Russia) से पौंग झील में पहुंचा है। दरअसल, विदेशी परिंदों की झील में गणना को लेकर वन्य प्राणी विभाग (Wildlife Department) की टीमें कार्य में जुटी हैं। इसी दौरान धर्मशाला अस्पताल में तैनात डॉक्टर व पक्षी प्रेमी डाॅ. अभिनव के कैमरे में खूबसूरत मेहमान कैद हो गया।
बताते हैं कि तस्वीर को क्लिक करने के लिए परिंदे ने डाॅ. अभिनव व वनरक्षक अंकुश धीमान को चंद सैकेंड का समय ही दिया। यूरोप व अमेरिका महाद्वीपों में मिलने वाली इस दुर्लभ प्रजाति को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ( IUCN) ने रैडलिस्ट में अत्यधिक संवेदनशील श्रेणी में रखा है। लिहाजा, हिमाचल में दुर्लभ पक्षी की मौजूदगी बेहद ही उत्साहवर्धक है। पौंग झील में मिली लंबी पूंछ वाली बत्तख की फोटो पक्षी वैज्ञानिकों को भी भेजी गई। इसके बाद पता चला कि पक्षी वास्तव में दुर्लभ प्रवासी है, जिसे लॉन्ग टेल डक (Long-tailed Duck) के रूप में पहचाना जाता है।
रिपोर्टस के मुताबिक कश्मीर घाटी की वूलर झील (Wular Lake) में करीब-करीब 84 साल बाद लंबी पूंछ वाली पांच बत्तखें अठखेलियां कर रही हैं। प्रदेश के वन्य प्राणी विभाग के जानकारों का कहना है कि कश्मीर घाटी में मिली बत्तखें वहीं मौजूद हैं, जबकि पौंग झील में अलग मेहमान पहुंचा है। ऐसा बताया जा रहा है कि कश्मीर घाटी में आखिरी बारस 1939 में होकरसर झील (Hokarsar Lake) में लंबी पूंछ वाली बत्तखों को देखा गया था। इसका जिक्र जर्नल ऑफ़ द बाॅम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (Journal of the Bombay Natural History Society) के शोध में भी दर्ज है।

ऐसा भी माना जा रहा है कि भारत में कुछ ही ऐसे स्थान मौजूद हैं, जो बत्तख की इस प्रजाति के अस्तित्व व प्रसार के लिए मानदंड पूरा करते हैं। कुल मिलाकर खास बात ये है कि लंबी पूंछ वाली बत्तख के पौंग झील में आने से आशा की एक किरण पैदा हुई है। इस साल झील में रिकॉर्ड विदेशी परिंदे दर्ज हुए हैं।
बता दें कि पिछले कुछ सालों में हिमाचल का वन्यप्राणी विभाग (Wildlife Department of Himachal) नई मंजिल की तरफ बढ़ रहा है। टाइगर के पदचिन्ह (Foot Print of Tiger) मिले तो पहली बार किंग कोबरा (King Cobra) भी रिपोर्ट हुआ। सोलन में एक दुर्लभ चिड़िया रिपोर्ट हुई तो चंबा में सांप की एक नई प्रजाति खोजी गई। वहीं, लाहौल घाटी में बर्फानी तेंदुओं (snow leopards) के कई वीडियो सामने आए। श्री रेणुका जी में दुर्लभ प्रजाति के दलदली हिरण (swamp deer) का कुनबा बढ़ा।
उधर वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ हमीरपुर रेगिनाल्ड राॅयस्टन ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में माना कि बत्तख की दुर्लभ प्रजाति (rare species of duck) साइट हुई है। डीएफओ ने कहा कि हिमाचल में इससे पहले लंबी पूंछ वाली बत्तख की उपस्थिति दर्ज नहीं हुई थी। उन्होंने बताया कि बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी से भी तस्दीक करवाई गई है।