नाहन, 31 जनवरी : समूची हरिपुरधार घाटी उस समय गमगीन हो उठी जब एक 4 साल के बेटे ने अपने पिता को अश्रुओं के बहते सैलाब के बीच मुखाग्नि दी। कुछ पल के लिए तो ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो परिवार व अंतिम यात्रा में उमड़े जनसैलाब के बहती आंसुओं की धारा मां भारती के पैर धो रही हो। मंजर ऐसा था कि घाटी के पेड़-पौधे भी मानों नायक सुभाष चंद को श्रद्धांजलि दे रहे हो। मां भारती का एक और लाल पंचतत्व में विलीन हो गया।

हरिपुरधार से चंद किलोमीटर दूर खरोटि गांव के 35 वर्षीय सेना के जवान नायक सुभाष चंद्र का पंजाब (Punjab) के हलवारा में सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। नायक सुभाष चन्द की पार्थिव देह तिरंगे से लिपटी मंगलवार को उनके गांव खरोटि पहुंची। यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ सुभाष चंद्र का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान रेणुका विधानसभा क्षेत्र (Renuka Assembly Constituency) के विधायक विनय कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। “सुभाष चंद अमर रहे”‘ के नारों से पूरी घाटी गूंज उठी।
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परिवार का एकमात्र सहारा थे सुभाष
सुभाष के निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। 4 साल के अभिनव के सिर से पिता का साया उठ गया। पत्नी ममता देवी को तो मानो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि पति अब इस दुनिया में नहीं रहे। सुभाष के पिता का कुछ साल पहले ही निधन हो चुका है।

हार्ट अटैक से हरिपुरधार के नायक सुभाष चंद का निधन, 4 साल के अभिनव ने खोए पापा
सुभाष चंद अपनी बूढ़ी मां समेत पत्नी व बेटे का पालन पोषण कर रहा था, लेकिन सुभाष के निधन के बाद परिवार का सहारा छिन गया। परिवार की जिम्मेदारी पत्नी ममता देवी पर आ गई है। ममता को पति के निधन के दुख के साथ-साथ 4 साल के बेटे की चिंता सताने लगी है।