नाहन, 28 जनवरी: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के नाहन विकास खंड की क्यारी पंचायत तकरीबन 6 साल पहले बेटियों के लिंगानुपात को लेकर समूचे राज्य में चर्चा में आई थी। एक हजार बेटों की तुलना में 1444 बेटियां जन्म ले रही थी। लंबे अरसे बाद ये पंचायत इस कारण चर्चा में है, क्योंकि पंचायत की 10 साल की बेटी तेजस्विनी ठाकुर पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) में जीवन की जंग लड़ रही है।

आर्थिक संकट तो एक अलग पहलू है, फिलहाल बच्ची की दीर्घायु की प्रार्थना की दरकार है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने पड़ताल में पाया कि बच्ची के दिल में छेद तो है, लेकिन चिकित्सकों द्वारा तेजस्विनी की बीमारी को डायग्नोज करने में सफलता नहीं मिल पा रही। चंद सप्ताह पहले सुरला में पांचवी कक्षा की छात्रा तेजस्विनी स्कूल में ही फेंट हो गई थी। इसके बाद प्लेटलेटस में लगातार गिरावट दर्ज होती रही। बुखार न टूटना ही चिंता का सबब बना हुआ है।
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क्यारी पंचायत के बोहरली गांव में जसवंत व राधा ठाकुर के घर जन्मी तेजस्विनी बेहद ही होशियार बच्ची है। हर कोई त्रिभोनी माता से बच्ची के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहा है। क्षेत्र के रहने वाले युवक लक्की शर्मा ने तेजस्विनी के इलाज में आर्थिक मदद के लिए सोशल मीडिया में कैंपेन चलाया हुआ है तो मनीष पीजीआई चंडीगढ़ में ही रहकर तीमारदारी कर रहा है।
बता दें कि सुरला में तेजस्विनी के पिता जसवंत एक दुकान में काम करते हैं। तेजस्विनी के पिता ने मनीष के घर पर ही कमरा लिया हुआ है मनीष के मुताबिक वो चंडीगढ़ में ही जाॅब करता है। सुबह-शाम तेजस्विनी की तिमारदारी कर रहा है। दिन के वक्त भी जरूरत पड़ने पर वो पीजीआई पहुंच जाता है। उल्लेखनीय है कि आर्थिक मदद के लिए मनीष ने ही बैंक की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद तेजस्विनी के पिता का क्यू आर कोड जेनरेट करवाया था।
मनीष के मुताबिक तेजस्विनी को जब पीजीआई में दाखिल करवाया गया था, उस समय पिता के बैंक खाते में केवल 900 रुपए थे। इसके अलावा 20 हजार रुपए की राशिे रिश्तेदारों से लेकर आए थे।
उधर, तेजस्विनी शिवा नेपाली ने बताया कि तेजस्विनी आईसीयू में दाखिल है। बच्ची को दुआओं की दरकार है। उन्होंने बताया कि बीमारी सही तरीके से डायग्नोज नहीं हो रही। उन्होंने तमाम मददगारों का भी आभार प्रकट किया है।